नई दिल्ली; केंद्र सरकार ने काले धन से जुड़ी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में जमा की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जर्मनी से भारत सरकार को 26 खाताधारकों के नाम मिले हैं। सरकार ने बताया है कि इनमें से 17 मामलों में जांच पूरी कर कार्रवाई की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक एक खाताधारक का निधन हो चुका है जबकि 8 के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता। अब कोर्ट गुरुवार को ये तय करेगा कि इन नामों को सार्वजनिक किया जाए या नहीं।
सरकार ने रिपोर्ट के साथ दो सीलबंद लिफाफे भी सुप्रीम कोर्ट को सौंपे हैं जिनमें से एक में 18 लोगों के नाम हैं जबकि दूसरे में आठ। इन लोगों के नाम अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। याचिकाकर्ता ने इस मामले की जांच के लिए गठित होने वाली एसआईटी के लिए तीन सुप्रीम कोर्ट जजों के नाम सुझाए हैं जबकि सरकार एसआईटी के खिलाफ अपने रुख पर कायम है। मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को होगी। जिसमें कोर्ट एसआईटी गठित करने और नामों को सार्वजनिक करने के बारे में आदेश दे सकती है।
बताया जाता है कि सरकार ने जिन 26 लोगों के नाम कोर्ट को सौंपे हैं वो मुंबई-गुजरात के कारोबारी अथवा एनजीओ के मालिक हैं जिन्होंने गलत तरीके से जर्मनी की बैंक में पैसे जमा कर रखे थे। हालांकि इन्होंने कितने पैसे जमा किए और कैसे ये पैसे जर्मनी भेजे गए, ये सार्वजनिक नहीं हुआ है। गुरुवार को ही कोर्ट बताएगा कि जिन आठ नामों को सरकार ने क्लीन चिट दी है उनके नाम सार्वजनिक किए जाएं या नहीं।[bannergarden id=”8″] [bannergarden id=”11″]