फर्रुखाबाद : लोकसभा चुनाव में इस बार जुटाए गए शिक्षामित्रों को मतदान कराने से पहले ही आयोग ने झटका दे दिया। बुधवार को सुबह ही पोलिंग पार्टियों के साथ मिली जिम्मेदारियों के निर्वहन के लिए वह पोलिंग बूथों तक पहुंच गए। इसके बाद दोपहर को चुनाव आयोग द्वारा उनसे चुनावी कार्य न कराने को लेकर जारी फरमान ने प्रशासन और शिक्षामित्रों की दिक्कतें बढ़ा दीं। ड्यूटी पर पहुंचे इन शिक्षामित्रों को शाम बैरंग लौटा दिया गया जबकि उनके स्थान पर रिजर्व कर्मियों की व्यवस्थाएं की गई हैं।
इस बार शिक्षामित्रों को पहले आयोग के निर्देश पर ही चुनाव ड्यूटी पत्र जारी किए गए, प्रशिक्षण भी कराया गया और वह मतदान टीमों के साथ बुधवार को निर्धारित केंद्रों तक पहुंच भी गए। ऐसे में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदान कार्मिक बने शिक्षामित्रों को हटाने का निर्देश जारी कर दिया। प्रशासन ने निर्देश मिलते ही आनन-फानन में सभी सेक्टर मजिस्ट्रेटों को निर्देशों के अनुपालन को निर्देशित किया।
जिसके बाद बूथों से शिक्षामित्रों को हटाने तथा मुख्यालय से वहां रिजर्व कर्मियों को भेजने की मशक्कत शुरू हो गई। दूर बूथों तक पहुंचे शिक्षामित्र हालांकि सेक्टर मजिस्ट्रेटों से उपस्थिति लेकर बैरंग लौटे लेकिन निराशा के साथ। महिलाओं को और भी परेशानी हुई। पूरी मेहनत और खर्चे के बावजूद अंत समय उन्हें कार्य से हटाने को लेकर हुई परेशानियों पर शिक्षामित्र संगठनों ने भी विरोध जताया है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने शिक्षा मित्रो की जगह रिजर्व ड्यूटी के कर्मियों को शिक्षा मित्रो की जगह तैनात कर दिया है| महिला शिक्षा मित्रो को घर तक भेजने की सुविधा की गयी| मुलायम सिंह की शिक्षा मित्रो को नौकरी से हटाने की धमकी की चुनाव आयोग में शिकायत के बाद आयोग ने ये कदम उठाया है|
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