कोतवाल के सपाई अंदाज पर भड़की जनता, एसडीएम ने किया बीच बचाव

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फर्रुखाबाद: लोकतंत्र में जनता ही सब कुछ है| भड़क जाए तो घर में घुस कर आग लगा दे| सत्ता की दहलीज पर जमीर गिरवी रख नेताओ की चाकरी करने वाले अधिकारियो को भी तब लाले पड़ जाते है जब जनता संगठित होकर आवाज बुलंद करती है| नगर में सट्टा नहीं रुकेगा एसएसआई हरिश्चंद्र कोतवाली में धरना दे रहे गुलाबी गैंग से कह ही चुके थे| मगर बबाल को साधने के लिए सीओ सिटी और एसडीएम को आना पड़ा और चोरी के मुकदमे लिखे जाने और रामू के हत्यारो को जल्द गिरफ्तार करने के आश्वासन पर शांति हुई| कार्यवाही कोतवाल ने नहीं की तो जनता के मन में लगी आग शांत जरुर हुई है बुझी नहीं है| जनता और सामाजिक संगठनो की मांग बहुत बड़ी नहीं थी- “अपराध कम होने दो, रिपोर्ट दर्ज करो और सट्टा और जुए के फड़ बंद कराओ”| तीनो कामो के करने के बदले सरकार जनता के टैक्स से वेतन भी जिम्मेदार लोगो को देती है|
Kotwal Farrukhabad
पिछले कुछ समय से कोतवाली कानून के मुताबिक नहीं कोतवाल के मुताबिक चल रही थी| और कोतवाल भी आदेश फोन पर कहीं और से ले रहे थे| जब तक किसी सपा नेता का फोन न आ जाए क्या मजाल कि कोई ऍफ़आईआर तक दर्ज हो जाए| वैसे ये कोई नया नहीं है मगर जब वर्दी के साथ अंडर गारमेंट भी नेताओ से पूछ-पूछ कर पहने जाने लगते है तब तब ऐसा ही होता है| उस पर अंदाज कुछ यू कि अंग्रेजो के जमाने के कोतवाल भी फेल हो जाए| न कोतवाली में बैठना और न ही जनता से रोब्र्रो होना| एसएसआई के हवाले| फिर ऐसे हालात में ये तो होना ही था| शनिवार रात होते होते कोतवाली में जो कुछ हुआ वो पहले कभी नहीं हुआ| कोतवाली में ही जुए और सट्टे के आरोप लगते पोस्टर चिपक गए| कोतवाल की जमकर फजीहत हुई और बिना किसी सपा नेता की सिफारिश मुकदमा दर्ज करने का आश्वासन देना पड़ा|

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आक्रोश में दोनों है| जनता भी और कोतवाल भी| मौका चुनाव का है समय से कोई सुधार न हुआ तो हालात बिगड़ सकते है| आखिर जनता मांग ही क्या रही थी| सट्टा और जुए के अड्डे बंद कराओ| एसपी लक्ष्मी सिंह के बाद शायद ही कोई एसपी आया हो जिसने सट्टा व्यवसाय पर अंकुश लगाया हो वरना तो सब वर्षो से वैसे ही चलता रहा जैसे चल रहा है और जैसे एसआई हरिश्चंद्र कोतवाली में बोल रहे थे-“जुआ और सत्ता बंद नहीं हो सकता”|
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याद आ गया इसी कोतवाली में इंस्पेक्टर नरसिंह पाल कोतवाल ने बताया था कि नगर कोतवाली 75000/ रुपया महीना देने पर मिलती है| सट्टा और जुए से यकजाई तो लानी ही पड़ेगी| अब तक 8 साल हो चुके है महगाई भ्रष्टाचार की भी बढ़ती है| मगर तब अन्ना हजारे और अरविन्द केजरीवाल जैसे विचारो वाले विष्फोटक फर्रुखाबाद में सक्रिय नहीं हुए थे| अब नयी पीड़ी में भी ये रोग भी जाग चुका है| बाद में उसी कोतवाल ने अपने एसपी को उनके दफ्तर में मारा था| मामला पैसे और गाली देने का था| ये सब कुछ भी फर्रुखाबाद में ही हुआ है|

Kotwali FBD SDMसामाजिक संगठन गुलाबी गैंग के समर्थन में जुट गए| लक्ष्मण सिंह ने सीधा निशाना साध दिया- कोतवाल साहब सुधर जाओ वर्ना 1400 वकील है कचहरी में| मुआ कोतवाली न हो गयी सरकार की जागीर हो गयी| फिलहाल कोतवाली में एसडीएम् ने सबको शांत किया और चलता किया| कोतवाल साहब विडियो रिकॉर्डिंग कराते रहे मगर कुछ बोल न सके|