फर्रुखाबादः कभी कभी कुछ ऐसी घटनाएं घट जाती है जिसके रहस्योदघाटन के बाद फिर उस घटना को सत्य साबित करने वालों के चेहरे तक सामने नजर नहीं आते। आवास विकास क्षेत्र में नाले में एक पक्के गहरे गडढे में एक इंसान को डूबता देखा गया। यह दावा एक महिला ने किया। महिला का दावा इस हद तक था कि उसके दावे के दबाव में डीएम से लेकर तहसीलदार और पुलिस भी आ गए। डीएम के निर्देश पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने जब गडढे को साफ कराया तो पता चला कि उसमें एक कुत्ता मरा पड़ा है। फिलहाल तकरीबन ढाई घंटे तक लोगों के आकर्षण और मनोरंजन का केंद्र वह मौत का गडढा बना रहा।
अचानक जिलाधिकारी पवन कुमार का फोन एक मीडियाकर्मी ने बजा दिया और बजाना भी चाहिए था। जब संबंधित २ाहर कोतवाली, क्षेत्राधिकारी ने फोन को उठाना मुनासिब नहीं समझा। हद तब हो गई जब 100 नंबर पर भी कोई आवाज नहीं आई। थक हार कर जिलाधिकारी को फोन लगाया गया। सूचना दी गई कि आवास विकास क्षेत्र के सेक्टर नंबर 5 डाॅक्टर मांगलिक के अस्पताल के सामने एक नाले के गडढे में आदमी डूब कर मर गया है घटना को हुए दो घंटे हो चुके है लेकिन अभी तक कोई भी पुलिसकर्मी व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इतनी दर्दनाक घटना सुनकर जिलाधिकारी ने तत्काल एक्शन लिया। डीएम की सूचना पर आवास विकास चैकी प्रभारी को भेजा गया। चैकी प्रभारी के आने से पूर्व दो सिपाही हाल चाल लेने के लिए आए थे।
कुछ समयबाद आवास विकास के सभासद राकेश गंगवार भी नंबर बढ़ाने पहुंच गए। लोगों ने बड़े ही कौतूहल से सभासद और दारोगा को पूरा वाकया बताया लेकिन कोई भी इस बात पर विश्वास नहीं कर पा रहा था तभी पुलिस ने दावा करने वाली आवास विकास के सेक्टर बी-314/15 निवासी अनीता पत्नी २ाक्ति को बुलाया और उससे आंखोदेखा हालपूछा। महिला ने भी पुलिस और मौके पर खड़े लोगों को संबोधित किया जैसे राजनैतिक मंच पर खड़े होकर जनता को अपने भाषण की तरफ आकर्षित करता है महिला की बात सुनकर स्थानीय लोगों को भरोसा हो गया कि हकीकत में कोई इंसान ही इस गडढे में डूबकर मौत हुई है। एक बार फिर पुलिस हरकत में आ गई और आना भी मजबूरी था। मीडियाकर्मियों ने अधिकारियों को फोन करना २ाुरूकर दिया था। लोगों का कौतूहल और उत्सुकता भीड़ बढ़ती जा रही थी। जब पुलिस को यकीन हो गया कि गडढे में वास्तव में कोई इंसान डूब कर मरा है तो उन्होंने इसकी पुष्टि अपने उच्चाधिकारियों को कर दी। दरोगा की भी मजबूरी थी क्योंकि घटना की जानकारी सीधे जिलाधिकारी के संज्ञान में थी।
सूचना पर कुछ समय बाद तहसीलदार सदर राजेन्द्र चैधरी मौके पर पहुंचे और नगरपालिका से सेक्शन मशीन मंगाई गई। अब तो स्थानीय लोगों के चेहरे देखने लायक थे कोई कह रहा था कि बेचारा बिहारी (भटटे पर काम करने वाले मजदूर) मरा है कोई कह रहा लकूला से कच्ची दारू पीकर नशे की हालत में मुंह के बल गडढे में गिरा होगा। घटना स्थल पर जितने मुंह थे उतनी ही बातें हो रही थी। पूरे घटनाक्रम को पूरा होने में तकरीबन ढाई घंटे का समय बीत गया। सेक्शन मशीन का पूरा प्रेशर खोलकर पानी खींचने के लिए पाइप गडढे मेंउतार दिया गया। पाइप पड़ने से पहले अचानक मौके पर खड़ा युवक यह कहकर रोने लगा कि ‘‘हाय मेरो भैया मर गयो वै सुबेरे से घर नाई आओ इधरै घूम रहो थो‘‘ रोने वाला कम भावुक था जबकि उसे सांत्वना देने वाले ज्यादा भावुक हो गए और कहने लगे कि सब्र करो भाई भगवान की मर्जी के आगे किसी की नहीं चलती। अब उसकी इसी गडढे में मौत लिखी थी तो कोईक्या करे।
खैर सेक्शन मशीन ने अपना काम २ाुरू किया। बमुश्किल 10 मिनटका समय लगा होगा गडढे का सारा पानी निकल कर बाहर आ गया। नीचे के मलबे में कुछ रोये से दिखाई पड़े तो लोगों ने पूरे आत्मविश्वास से कहा कि ये निकल आया नगरपालिका कर्मियों ने एक बड़ा डंडा लेकर उस जगह पर डालकर हिलाया तो पता चला कि एक आदमी ने नहीं बल्कि कुत्ते ने आत्महत्या की थी। कुत्ते की लाश बाहर आते ही लंबे लंबे दावे करने वाले लोग जेबांे में हाथ डालकर खिसकने लगे और कुछ अन्य लोग बैकफुट पर आ गए और कहने लगे कि हमने तो पहले ही कहा था कि छोटे गडढे में आदमीकहां मर सकता है फिलहाल इस पूरे घटनाक्रम में ढाई घंटे तक पुलिस, मीडिया और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। बाद में दरोगा ने फिर किसी अधिकारी को फोन लगाया कि साहब गडढे से मरे हुए कुत्ते की लाश मिली है २ाायद उनके अधिकारी ने दरोगा जीको हड़का दिया तभी उनका चेहरा ऐसा हो गया जैसे बत्ती जाने के बाद बल्ब। २ाायद अधिकारी ही बोला कि जितने फोन आए वह लोग बेवकूफ नहीं थे बमुश्किल दरोगा ने अधिकारियों को संतुष्टकर राहत की सांस ली।