कड़ा फैसला, ग‌िरफ्तार होंगे भड़काऊ भाषण देने वाले

Uncategorized

courtda1111_fडेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों के नेताओं को धर्म, जाति, नस्ल या क्षेत्र के आधार पर भड़काऊ भाषण देने पर पुलिस को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है। साथ ही सर्वोच्च अदालत ने विधि आयोग से इस मसले पर गौर करने और भड़काऊ बयानों को रोकने के संबंध में निर्देश जारी करने पर विचार करने को भी कहा है।

जस्टिस बीएस चौहान, जस्टिस एमवाई इकबाल और जस्टिस एके सीकरी की बेंच ने बुधवार को खुद दिशा-निर्देश तय करने से इनकार करते हुए आयोग से कहा कि वह इस मामले को देखे और अपनी सिफारिश केंद्र सरकार को सौंपे। सुप्रीम कोर्ट ने गैर सरकारी संगठन प्रवासी भलाई संगठन की ओर से दायर जनहित याचिका पर यह आदेश दिया।

[bannergarden id=”8″]
सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में कहा था कि भड़काऊ भाषण देने वाले नेताओं के खिलाफ निर्वाचन आयोग स्वत: संज्ञान लेकर कदम उठा सकता है। जबकि अन्य के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए पर्याप्त कानून है। याद रहे कि जनहित याचिका में प्रतिवादी के रूप में महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के नाम लिए गए थे। क्योंकि दोनों राज्यों में कथित नफरत फैलाने वाले भाषण हुए। याचिका में मनसे प्रमुख राज ठाकरे और आंध्र प्रदेश में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन के नेता अकबरूद्दीन ओवैसी के कथित नफरत फैलाने वाले भाषणों का जिक्र किया गया।[bannergarden id=”11″] [bannergarden id=”17″]