डेस्क: आईपीएस अमिताभ ठाकुर द्वारा कबीना मंत्री आज़म खान के भैंसों के चोरी हो जाने की घटना के बाद दिया एक बयान सरकार को नागवार लगा है| उन्हें डीजीपी कार्यालय से नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जबाब देने को कहा है|
आज़म खान के भैंसों की चोरी और बरामदगी की घटना के बाद आई पी एस अमिताभ ठाकुर ने उनके घर में हुई एक पुरानी चोरी के सम्बन्ध में कुछ चैनलों पर कहा था कि मंत्रीजी की भैंस की तत्काल बरामदगी से आशा का बड़ा संचार हुआ है, लेकिन यह कष्ट का विषय है कि 2011 में चोरी गयी उनके बच्चे की साइकल और 2013 में उनसे ठगे गए 5000 रुपये में एफआइआर दर्ज होने के बाद अब तक गोमतीनगर थाने की पुलिस ने उनसे पूछताछ तक नहीं की|
इसे शासन की आलोचना की श्रेणी में मानते हुए डीजीपी कार्यालय ने अमिताभ ठाकुर को कारण बताओ नोटिस जारी कर कहा है कि उन्होंने बिना राज्य सरकार की अनुमति के जो बयान दिया है वह अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमावली के नियम 7 और 17 का उल्लंघन है|
दूसरी तरफ अमिताभ की पत्नी और सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर के अनुसार डीजीपी कार्यालय ने इस कथित “नियम विरुद्ध कृत्य” के लिए उनके पति से एक सप्ताह में स्पष्टीकरण माँगा है जबकि यह साफ़ दिखता है कि उन्होंने मात्र एक सही बात कही थी और पुलिस द्वारा ताकतवर और गैर-ताकतवर लोगों के बीच किये जा रहे भेदभाव को सामने रखा था| नूतन का कहना है कि यह कारण बताओ नोटिस इस बात को और पुख्ता करता है कि सरकार में सही बात कहने वाले को हमेशा सजा भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए|
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