लखनऊ: बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किए जाने का मामला एक बार फिर फंस गया है। राज्य सरकार ने शिक्षक, स्नातक निर्वाचन की अधिसूचना जारी होने के बाद शिक्षा मित्रों को शिक्षक पद पर समायोजित करने को नियमावली जारी करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी। चुनाव आयोग ने इस पर राज्य सरकार से पूछा है कि प्राइमरी स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश अध्यापक सेवा नियमावली के संशोधन पर सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन है। इसी नियमावली को पुन: संशोधित करते हुए शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जाना है, ऐसे में इस नियमावली का क्या औचित्य है। बेसिक शिक्षा विभाग ने हालांकि पूरी स्थिति स्पष्ट करते हुए चुनाव आयोग को मंगलवार को ही पूरी सूचना भेज दी थी। अब चुनाव आयोग बेसिक शिक्षा विभाग के जवाब से संतुष्ट होने पर ही शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक बनाने संबंधी नियमावली जारी करने की अनुमति देगा।
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