एडिटर डेस्क: हरियाणा में मुख्यमंत्री तथा उनके कैबिनेट सहयोगी भी अपनी गाड़ियों पर लालबत्ती लगाकर नहीं चल सकेंगे। मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक की गाड़ियों से भी बत्ती उतारने का नीतिगत फैसला ले लिया गया है।
प्रदेश में अब सिर्फ राज्यपाल एवं तथा पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को ही अपनी गाड़ी पर लालबत्ती लगाने का अधिकार होगा। बाकी सभी वीआइपी की गाड़ियों से लालबत्ती हटाने का फैसला लिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद राज्य सरकार ने हरियाणा में लाल बत्ती के इस्तेमाल के लिए नियम निर्धारित कर दिए हैं। इस कड़ी में राज्य के परिवहन विभाग ने बुधवार को अधिसूचना भी जारी कर दी है। नई अधिसूचना के मुताबिक राज्य सरकार ने तय किया है कि अब केवल राज्यपाल एवं हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की गाड़ी पर ही लाल बत्ती लगेगी। सांसदों एवं विधायकों के साथ-साथ नगर निगमों के मेयरों की भी लालबत्ती उतार ली गई है।
प्रदेश के सभी आइएएस व आइपीएस अधिकारियों की गाड़ियों को भी लालबत्ती लगाने की छूट नहीं दी गई है। नए नियमों के मुताबिक राज्यपाल व चीफ जस्टिस की गाड़ी को छोड़कर बाकी गाड़ियों पर लालबत्ती लगाना दंडनीय अपराध होगा।
राज्य सरकार के इस नीतिगत फैसले के बाद जिला उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, विभागीय महानिदेशक, प्रधान सचिव तथा विभिन्न बोर्ड व निगमों के चेयरमैन भी लालबत्ती की गाड़ी का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। सरकार ने नगर परिषदों के चेयरमैन, अपने हर तरह के सलाहकारों की भी लाल बत्ती उतरवा ली है। मुख्य सूचना आयुक्त, सभी सूचना आयुक्त, कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन व हरियाणा लोकसेवा आयोग के चेयरमैन व सदस्य भी अब लालबत्ती नहीं लगाएंगे।