फर्रुखाबाद: आम लोकसभा चुनावो की घोषणा के साथ प्रशासनिक तंत्र से लेकर राजनैतिक घोड़ो की लगाम चुनाव आयोग के हाथो में आ गयी है| बिना चुनाव आयोग की अनुमति के न तो अब कोई शेर दहाड़ेगा और न ही कोई भी जागरूकता फैलाई जा सकेगी| गुंडा हो, भ्रष्ट हो, चोर हो,अपराधी हो या फिर हो खालिस ईमानदार, बिना अनुमति के होल्डिंग और पोस्टर बैनर नहीं लगा सकेगा| जिला प्रशासन के सामने सबसे पहला काम नगर और जिले के अन्य इलाको में लगे होल्डिंग पोस्टर की सफाई या कहे कि इन्हे हटाने का होगा| अभी तो सभी मुह चिढ़ा रहे है|
इलेकट्रोनिक मीडिया और टेक्नोलॉजी के दौर में जिला प्रशासन के लिए किसी भी प्रत्याशी को नैतिक या अनैतिक लाभ पहुचना आसान न होगा| फेसबुक, सोशल मीडिया और इंटरनेट मीडिया (वेब मीडिया) का दौर है| अखबारो का जमाना पुराना हो चुका| अखबारो का एक बार छापना होता है| उन्हें धमका लेंगे, बहला लेंगे या फिर नोट से खरीद लेंगे- ये सब नहीं चल पायेगा| गाव गाव लोग फेसबुक और ट्विटर इस्तेमाल करने लगे है| हाल ही में नवाबगंज में सपा विधायक रामेश्वर यादव के प्रतिनिधि झब्बू सिंह को बंधक बनाने या फिर धमकाने की खबर इसी न्यू मीडिया की दें थी| वर्ना अखबारो में ऐसे दूर दराज गाव के मामले कहाँ छप पाते| कुल मिलकर जरा सी चूक प्रशासनिक अफसर के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है| और फिर चुनाव बाद परिस्थितिया क्या होगी कौन जानता है? इसलिए जिला प्रशासन के लिए सबसे ज्यादा चुनौती न्यू मीडिया पेश करने वाली है या फिर कहे कि ये सहयोग भी करेगी| फिलहाल तो सबसे पहला काम पोस्टर हटाने का है जिसे तत्काल शुरू करना होगा-