समाजवादी मच्छर का हमला, मलेरिया के मरीजो की संख्या में लगातार इजाफा

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Lab Lohia Asptalफर्रुखाबाद:वो जब काटता है तब सिर्फ काटता है| न गरीब अमीर का फर्क देखता है और न धर्म का| न जात पात कर फर्क देखता है और न ही बूढ़े और जवान का फर्क| सबको बराबरी की निगाह से देखने वाला समाज में एक ही तो है “मच्छर”| मच्छरो की महिमा अपरम्पार है| मच्छरो की नक़ल करने का प्रयास कई पार्टियों ने किया मगर बराबरी आज तक नहीं कर पाए| मुलायम सिंह यादव ने तो जनता दल को दल दल बताकर अपनी नई पार्टी का नाम तक समाजवादी पार्टी बना ली थी| मगर समाजवादी व्यवस्था को लागू करने के लिए आज तक संघर्ष कर रहे है| डॉ राम मनोहर लोहिया के पद चिन्हों पर चलने वाले समाजवादी “समाजवादी’ न बन सके, सैफई वाले जरुर बन गए| पार्टी जात पात और परिवारवाद के फेर में पड़ी है और प्रदेश में रोजगार मिलने की जगह समाजवादी पेंशन लेने वालो की लाइन लगी है| फार्म कम पड़ रहे है| नगरपालिका के सदस्यों की चिंता बढ़ गयी है| चिंता मच्छरो के काटने से नगर में फ़ैल रही घातक बीमारी मलेरिया को रोकने की नहीं है, समाजवादी पेंशन योजना के फार्म न मिलने की चिंता लगी हुई है|

मगर इन सब के बीच मच्छर अभी भी समाजवादी बना हुआ है| उसकी समाजवादी निष्ठां पर सवाल नहीं खड़ा किया जा सकता| उससे बचाव को गरीब मच्छर लोशन लगाता है या फिर नीम का धुँआ करता है और अमीर रंग बिरंगे खुशबूदार लिक्विड लगा रहा है| सर्दी में लगातार बरसात के चलते इन दिनों अपने खानदानी हमले में जुट गया है| खूब काट रहा है| रात में काट रहा है| दिन में काट रहा है| घर में काट रहा है| स्कूल में काट रहा है| दफ्तर में काट रहा है| दुकानों में काट रहा है और अँधेरे उजियारे काट रहा है| जहाँ मौका मिल रहा है वहीँ काट रहा है| पैरो में काट रहा है, गालो पर काट रहा है| गर्दन में काट रहा और हाथो में काट रहा है| जहाँ जहाँ खुला मिल जायेगा काट लेगा| काट काट कर अपना प्रभाव लगातार बढ़ा रहा है| डाक्टरो को रोजगार दे रहा है| भीड़ लग रही है| लोहिया अस्पताल की लेबोरेटरी में होने वाले टेस्टों में प्रतिदिन 10 से 15 खून मलेरिया से पीड़ित का निकल रहा है| लोहिया हॉस्पिटल में महिला विंग की डॉक्टर अदिति श्रीवास्तव के मुताबिक मलेरिया के मरीजो की संख्या लगातार बढ़ रही है| और स्वास्थ्य विभाग से लेकर नगरपालिका के नगर स्वास्थ्य अधिकारी की चिंता नहीं बढ़ी है|

Dr aditi Srivatsvaनगर के कई नर्सिंग होम और फिजिशियन से बात करने पर पता चला है कि इन दिनों बुखार के मरीजो की संख्या बढ़ गयी है| inme मलेरिया के मरीजो की संख्या ज्यादा है| इन दिनों बरसात और जाती सर्दी के बाद मच्छरों की प्रजनन शक्ति बढ़ जाती है और मौसम भी मच्छरो के प्रजनन के अनुकूल हो जाता है| ऐसे में मच्छरों से रोकथाम के उपाय करने के सुझाव डॉक्टर देते है|

दूसरी तरफ तमाशा नगरपालिका का देखिये| जिस पर नगर की जनता के स्वास्थ्य की चिंता की भी जिम्मेदारी है| नगरपालिका के बजट में हर वर्ष लगभग ४-४.५ लाख रुपये चूना छिडकाव पर खर्च किया जाता है जिसे नगरपालिका के सभी सभासद हाथ उठाकर सहमती देते है | मगर जानने की बात यह है की ये चूना छिडकाव त्योहारों या शादी विवाह के अवसरों पर नाली के आसपास कीड़े मच्छर मारने के लिए किये जाने का प्राविधान है| चूना छिडकाव एक स्वास्थ्य विभाग से जुडी प्रक्रिया है| मगर नगर में चूना नेताओ के आगमन और त्योहारों पर सड़क के किनारे लाइन बनाकर नगर को खूबसूरत बनाने के लिए किया जाता है| चूना बर्बादी का एक बेहतरीन नमूना| पढ़े लिखे पार्षदों और अध्यक्षों के दिमाग की दाद देनी पड़ेगी| मच्छर तो कटेगा ही| फागिंग की मशीन देखे लम्बा समय हो गया| निकलेगी भी तो मेलाथियान की जगह मिटटी के तेल का धुँआ उड़ाकर जनता को बहला दिया जायेगा| मच्छर तो कटेगा ही| बसपाई सोच का समाजवादी मच्छर काटेगा ही| वो तो अपना अधिकार मांगेगा ही| रोकना तो व्यवस्था को है और व्यवस्था को मलेरिया हो गया है इसलिए जनता इन मच्छरो से बचने के स्वय उपाय कर ले तो ही बेहतर है|