अमित शाह ने ली बैठक- भाजपा में सर्वेक्षण से होगा टिकट का निर्णय

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amit shahलखनऊ : भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तथा उत्तर प्रदेश के प्रभारी लोकसभा चुनाव को लेकर काफी गंभीर है। भाजपा के मिशन +272 की तैयारी में उत्तर प्रदेश की अहम भूमिका को देखते हुए शाह भी काफी सक्रिय हैं। अमित शाह ने कहा कि चुनावी तैयारियों को धार देने के लिए 15 फरवरी तक लोकसभा और 20 फरवरी तक विधानसभा के अनुसार कार्यालय खोल दिये जाएं।

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टिकटों के ठेकेदार न बनें वरिष्ठ भाजपा नेता

नरेंद्र मोदी की लहर पर सवार होकर जीत का पासपोर्ट समझे जा रहे भाजपा के टिकट के दावेदारों की जहां धुकधुकी बढ़ी हुई है। वहीं बाहरी लोगों को पार्टी में शामिल करने और बड़े नेताओं के प्रभाव से उन्हें टिकट दिलाने की मुहिम भाजपा की चुनावी तैयारियों पर भारी पड़ती दिख रही है। कल पार्टी के प्रदेश प्रभारी अमित शाह की ओर से प्रदेश कार्यालय में बुलाई गई बैठक के दौरान तब देखने को मिली जब सीतापुर के भाजपा जिलाध्यक्ष ज्ञान तिवारी की अगुआई में दर्जनों कार्यकर्ताओं ने बसपा के पूर्व सांसद राजेश वर्मा को पार्टी में शामिल करने के फैसले के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बैठक में मौजूद भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) रामलाल ने शायद इसे भांपते हुए ही पार्टी के बड़े नेताओं को दो टूक लहजे में चेताया कि वे टिकट पाने और दिलाने का ठेका न लें। टिकट के लिए उन्हें पैरवी और परिक्रमा करने की जरूरत नहीं है। यदि वे खुद टिकट पाने के लिए आतुरता दिखायेंगे तो दूसरों को दिये जाने वाले टिकटों के बारे में क्या फैसला कर पायेंगे।
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सर्वेक्षण से होगा निर्णय

भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री ने कहा कि पार्टी संगठन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व सर्वेक्षण के जरिये टिकट के दावेदारों की असलियत का पता लगाया जा रहा है। जसे ठीक समझा जाएगा, उसे टिकट थमा दिया जाएगा। पार्टी नेता और पदाधिकारियों एकजुटता बनाये रखने और भितरघात से परहेज की नसीहत भी दी गई। चुनावी तैयारियों की समीक्षा के दौरान जिलों में पार्टी की बूथ कमेटियों के गठन के निराशाजनक आंकड़े जब सामने आये तो प्रदेश से लेकर जिला स्तरीय पदाधिकारियों को पसीना छूट गया। पार्टी के कमजोर बूथ प्रबंधन पर रामलाल व अमित शाह दोनों ने असंतोष और नाराजगी का इजहार किया, यह कहते हुए कि यदि बूथ कमेटियों के गठन को गंभीरता से नहीं लिया गया तो बाकी चुनावी तैयारियां धरी रह जाएंगी।
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15 लाख की भीड़ जुटाने का लक्ष्य

लखनऊ में दो मार्च को होने वाली नरेंद्र मोदी की रैली में 15 लाख लोगों की भीड़ जुटाने का संकल्प दोहराया गया। इस पर भी जोर दिया गया कि हर बूथ से रैली में लोग लाये जाएं और उनके नाम भी बताये जाएं। इस काम में ढिलाई बरतने वालों से पार्टी सख्ती से पेश आएगी। बैठक में पार्टी के प्रदेश व क्षेत्रीय पदाधिकारी, जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारियों, मोर्चा-प्रकोष्ठों के अध्यक्ष शामिल हुए।

घर-घर बांटे जाएंगे निमंत्रण पत्र

बैठक में यह भी तय हुआ कि नरेंद्र मोदी की लखनऊ रैली के लिए घर-घर निमंत्रण पत्र बांटे जाएंगे। कार्यकर्ता रैली का आमंत्रण देने के बहाने मोदी और कमल को घर-घर पहुंचायें।

एक वोट-एक नोट अभियान

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ.लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि ‘एक वोट-एक नोट’ अभियान फरवरी में पूरा किया जाना है। दो बूथों के बीच में ‘मोदी फॉर पीएम फंड’ का एक डिब्बा रहेगा। पार्टी कार्यकर्ता इस अभियान के तहत जब भी जनसंपर्क करने जाएं तो यह कोशिश करें कि यदि एक घर मे चार वोट हैं तो सभी से एक नोट मिले। दो बूथों के बीच में ‘मोदी फॉर पीएम फंड’ का एक डिब्बा रहेगा। इकट्ठा की गई धनराशि इसमें जमा की जाएगी।

सामाजिक न्याय मोर्चा सम्मेलन 15 से

यह भी तय हुआ कि 15 फरवरी से 15 मार्च तक जिला स्तर पर सामाजिक न्याय मोर्चा सम्मेलन आयोजित किये जाएंगे। सम्मेलन में सामाजिक न्याय समिति की सिफारिशों पर चर्चा की जाएगी। मजहबी आरक्षण भाजपा को किसी भी तरह स्वीकार नहीं है।

प्रबुद्ध सम्मेलन में शामिल होंगे बड़े नेता

जिला स्तर पर प्रबुद्ध सम्मेलन भी आयोजित किये जाएंगे। 11 फरवरी को गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पारीकर लखनऊ में ऐसे एक सम्मेलन में भाग लेंगे। प्रबुद्ध सम्मेलन में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज, नेता प्रतिपक्ष राज्यसभा अरुण जेटली, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष वेंकैया नायडू सहित अन्य वरिष्ठ केंद्रीय व प्रादेशिक नेता भी शिरकत करेंगे।