लोकसभा में काम नहीं, सिर्फ मचता रहा हंगामा

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loksabhaनई दिल्ली: संसद में शीतकालीन सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत हंगामेदार रही। सदस्यों के हंगामे के बीच दोनों सदनों में कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। दोनों सदनों में तेलंगाना, सिख दंगों की जांच और अरुणाचल के छात्र की मौत का मामला जोर शोर से उठा। हंगामे को देख लोकसभा की कार्यवाही कल तक स्थगित कर दी गई।

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लोकसभा में अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित की। लेकिन उन्होंने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू किया, सदन में हंगामा शुरू हो गया। कुमार ने सदस्यों से बार-बार सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह 15वीं लोकसभा का अंतिम सत्र है। आप क्या कर रहे हैं? कृपया अपनी जगहों पर बैठ जाएं। हालांकि, हंगामा जारी रहा और उन्होंने सदन को दोपहर तक के लिए स्थगित कर दिया।
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राज्यसभा का नजारा भी ऐसा ही नजर आया जहां सभापति हामिद अंसारी द्वारा प्रश्नकाल का आह्वान किए जाने के बाद शोरगुल शुरू हो गया। हंगामे की वजह से ऊपरी सदन की कार्यवाही को दोपहर तक के लिए स्थगित कर दिया गया। विपक्षी सदस्य 1984 के सिख दंगे, तेलंगाना और दिल्ल में अरुणाचल प्रदेश के छात्र नीडो की मौत के मामले पर हंगामा कर रहे थे।
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तेलंगाना राज्य के गठन के विरोध में और सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामलों की तेजी से सुनवाई की मांग को लेकर सांसदों के हंगामे की वजह से लोकसभा के आखिरी सत्र के शुरुआती दिन सदन में प्रश्नकाल नहीं हो सका। उधर, संसद के बाहर तेलंगाना समर्थक और विरोध आपस में उलझ पड़े।

लोकसभा में अध्यक्ष मीरा कुमार ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने की घोषणा की आंध्र प्रदेश के कई सांसद उनके आसन के सामने आकर तेलंगाना राज्य के विरोध में नारेबाजी करने लगे। इसी बीच शिरोमणि अकाली दल के सदस्यों ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामलों की सुनवाई तेजी से पूरी करने की मांग को लेकर शोर-शराबा शुरू कर दिया।

इस दौरान बीजेपी सांसद सुषमा स्वराज ने दिल्ली के लाजपत नगर इलाके में अरुणाचल प्रदेश के छात्र नीडो की मौत और मणिपुरी छात्राओं से बदसलूकी का मामला जोरदार तरीके से उठाया। सुषमा ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा बढ़ाए जाने और उनके लिए दिल्ली में हॉस्टल बनाए जाने की मांग की।

पीएम की अपील

उधर, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लोकसभा के आखिरी सत्र में महत्वपूर्ण विधेयकों के पारित होने की उम्मीद जताई। प्रधानमंत्री ने संसद के बाहर कहा कि हमारे पास संसद में पारित कराने के लिए महत्वपूर्ण विधेयक हैं और मुझे उम्मीद है कि संसद एक ऐसा माहौल तैयार करेगा जहां सदन का हर सदस्य विधेयक को पारित कराने के लिए साथ होगा।

मनमोहन सिंह ने कहा कि यह संभवत: लोकसभा का आखिरी सत्र है और मेरी संसद के सभी सदस्यों से अपील है कि वह एक ऐसा माहौल बनाने में योगदान दें ताकि यह एक ऐतिहासिक सत्र साबित हो।