कुम्हारों को मिलेगी अनुसूचित जाति श्रेणी की सुविधाएं

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gayatrti prasad prajapatiलखनऊ: सूबे में कुम्हार जाति को अब अनुसूचित जाति श्रेणी की सुविधाएं मिलेंगी। राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के एक फैसले के परिप्रेक्ष्य में कुम्हार को अनुसूचित जाति की श्रेणी में मानते हुए अनुमन्य सुविधाएं दिए जाने का शासनादेश जारी कर दिया है। रविवार को यह जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने इसका श्रेय सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को दिया। गायत्री ने यह भी भरोसा दिया है कि जिन अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की वे लड़ाई लड़ रहे हैं, 15 फरवरी से पहले उनके लिए भी शासनादेश जारी हो जाएगा।
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राजधानी में अपने सरकारी आवास पर गायत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आजादी के बाद 1957 तक कुम्हार अनुसूचित जाति में रहे, लेकिन कांग्रेस सरकार ने कुछ जातिवादी शक्तियों से मिलकर उन्हें वंचित करने का काम किया। 1989 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद मुलायम सिंह यादव की इस ओर नजर गयी और 2005 में कुम्हार/प्रजापति के साथ 15 अन्य अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का अध्यादेश भी जारी कराया। उन्होंने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने का काम किया, लेकिन कांग्रेस, भाजपा और बसपा तीनों दल नहीं चाहते थे कि ये जातियां अनुसूचित जाति में शामिल हों। बसपा सरकार ने 2007 में यह प्रस्ताव वापस ले लिया। 2012 में 17 जातियों का प्रस्ताव सपा सरकार बनने के बाद फिर भेजा गया जो केंद्र के पास लंबित है। गायत्री ने कहा कि पूर्ण अधिकार के लिए छह फरवरी से चौथे चरण की सामाजिक न्याय अधिकार रथ यात्रा सपा कार्यालय से प्रारंभ उन्नाव, कन्नौज, मैनपुरी, औरैया, इटावा होते हुए फीरोजाबाद जाएगी।