फर्रुखाबाद: मिस यूपी फर्रुखाबाद का ताज पर 21 प्रतिभागियों को पछाड़ मेरठ की अर्चना गौतम ने कब्ज़ा जमाया| बरेली, आगरा,इलाहाबाद सहित कुल 12 जिलो की लड़कियो ने इस प्रतियोगिता को आयोजन किया था| जिला पंचायत अध्यक्ष तहसीन सिद्दीकी और डॉ सुबोध यादव ने विजेताओ को ताज पहनाया|
मुंबई में मॉडलिंग कर रहीं मेरठ की अर्चना गौतम के सिर पर मिस यूपी का ताज सजा। लेडी श्रीराम कालेज नई दिल्ली में बीकाम की छात्र कानपुर की शानू पाडेय फर्स्ट रनर अप रहीं।
फर्रुखाबाद में आयोजित दसवें युवा महोत्सव में मिस यूपी प्रतियोगिता में प्रदेश के विभिन्न जिलों की 22 प्रतिभागियों में मेरठ की अर्चना गौतम ने मिस यूपी बनने का सौभाग्य पाया। वह मुंबई में फिल्म निर्माण, टीवी सीरियल व मॉडलिंग से जुड़ी हैं। वह बताती हैं कि उनका सपना है कि यूपी के युवक युवतियों को फिल्मों और सीरियल में और मौके मिलें। धर्मनगरी वाराणसी की शालिनी गुप्ता द्वितीय रनर्स अप रही हैं। वह कहती हैं कि अपनी मा व पिता के सपनों को पूरा करने के लिए मॉडलिंग के क्षेत्र में आई हैं। बरेली की कोमल शुक्ला को मिस माडल-2014 का खिताब मिला, वहीं मिस प्रिटी इंडिया का ताज मुंबई की अर्शी खा के सिर पर सजा।
युवा महोत्सव में आयोजित मिस यूपी प्रतियोगिता में प्रदेश भर से आई युवतियों ने फैशन, अदाओं व बुद्धि का खूब जलवा बिखेरा। छोटे जिलों, कस्बों और देहात की प्रतिभागियों ने मॉडलिंग जैसे विशिष्ट क्षेत्र में टैलेंट का जोरदार प्रदर्शन कर नए शिखर की ओर हिम्मती कदम बढ़ाने का आत्मविश्वास दिखाया। मॉडलों के परिधान और स्टाइल तो पूरी तरह पाश्चात्य रंग में सराबोर रहे पर सोच में भारतीय संस्कृति व जीवन मूल्यों की खुशबू बिखरी।
रामलीला कार्यक्रमों में प्रभु श्रीराम की लीलाओं से गुंजायमान होने वाला शहर का सरस्वती भवन सोमवार को छोटे शहर कस्बों व गांव देहात की युवतियों व युवाओं के लिए मॉडलिंग व फैशन के क्षेत्र में तरंग भरी उमंगों का उत्सव स्थल बना। मिस यूपी की प्रतियोगिता हो या मिस फर्रुखाबाद की, सभी प्रतिभागियों के परिधान पाश्चात्य शैली की छाप में पूरी तरह प्रतिबिंबित थे। गला हो या आस्तीन, परिधानों में पाश्चात्य लुक सौंदर्य बढ़ा रहा था। प्रतिभागी ऊंची हिल की सैंडल पहन कैटवाक में उतरीं तो कुछ ने चेन व बटनदार जूते पहन कैटवाक किया। ग्रामीण बालाओं के कदमताल देखते बन रहे थे। कमर पर हाथ रखने के स्टाइल ने भी लोगों को खूब रिझाया। फैशन का ये जलवा गीत पर हुए कैटवाक से वेरी-वेरी स्पेशल बनी प्रतियोगिता को खूब तालियां मिलीं।
प्रश्नों की श्रंखला शुरू हुई तो फैशन के जलवे में भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों की सोच साकार हो उठी। प्रतिभागियों ने संस्कारों व भारतीय जीवन मूल्यों से जुड़ी परंपराओं बड़े बूढ़ों व दबे कुचलों का सम्मान, माता पिता को देवतुल्य मानने, गरीब बच्चों की शिक्षा दीक्षा पर जोर, सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ने का संकल्प प्रस्तुत किया। बिजनौर के धामपुर कस्बे की आकांक्षा वर्मा व आगरा की मंजू चौहान ने तो यह भी अपील की कि जिन लोगों ने अपने मां-बाप को बेसहारा छोड़ दिया, वह उन्हें वापस घर लाएं और सेवा करें।
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