बेकाबू भीड़ देख केजरीवाल को जनता दरबार से निकलना पड़ा

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kejriwal-darbar-crowdनई दिल्ली। दिल्ली की नई सरकार ने लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए जनता दरबार लगाने का ऐलान क्या किया, सचिवालय के बाहर अपनी शिकायत लेकर पहंचने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस भीड़ को काबू में करने के लिए सुरक्षा के इंतजाम नाकाफी पड़ गए और अफरा-तफरी और धक्का-मुक्की का मंजर बन गया। हालत ये हो गई कि अफरातफरी की वजह से शिकायत की अर्जियां सड़क पर गिर गईं।

लोग अपनी-अपनी अर्जियां सड़क पर ढूंढते दिखे। हर तरफ अव्यवस्था का आलम नजर आया। तय समय से पहले मुख्यमंत्री और उनके मंत्री सचिवालय तो पहुंच गए, लेकिन जैसे ही सरकार जनता के बीच पहुंची, अव्यवस्था का दौर शुरू हो गया। जहां-तहां मौजूद लोग मुख्यमंत्री और मंत्रियों के पास पहुंचना चाहते थे। ऐसे में पुलिस की बैरिकेडिंग को धता बताने लगे। हालत ये हो गई कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल महज 15 मिनट के बाद ही जनता दरबार से जाने को मजबूर हो गए।

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केजरीवाल के जाने के बाद दूसरे मंत्री भी जनता दरबार से नदारत हो गए। हालांकि जनता की शिकायत सुनने और उनकी अर्जियां लेने के लिए हेल्प डेस्क पर लोग मौजूद थे और परेशान जनता उन्हीं को अपनी अर्जियां देकर लौटने को मजबूर हुई। आम आदमी पार्टी की सरकार का आज पहला जनता दरबार था। नई सरकार ने शनिवार को सुबह 9.30 बजे से 11 बजे तक जनता दरबार लगाने का ऐलान किया था।

दिल्ली सचिवालय के बाहर लगे आप सरकार के जनता दरबार में भारी अफरातफरी मच गई। अपनी समस्याएं लेकर आई भीड़ बेकाबू हो गई जिसके चलते सीएम अरविंद केजरीवाल जनता दरबार से चले गए। उम्मीद से ज़्यादा भीड़ कि वजह से यहां भारी दिक्कत आई। केजरीवाल से मिलने के लिए लोगों ने सुरक्षा घेरा भी तोड़ दिया और हल्की अफरातफरी का माहौल भी नजर आया।
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सुरक्षा बलों के साथ भीड़ की धक्कामुक्की भी हुई। सुरक्षा बलों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। भारी भीड़ को देखते हुए केजरीवाल को जहां बैठना था वहां से हटकर लोगों की फरियाद सुनने लगे। सीएम और मंत्रियों के साथ अधिकारी भी यहां मौजूद थे। लेकिन इस कदर भीड़ उमड़ी है कि केजरीवाल को लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करनी पड़ी और आखिरकार वो यहां से चले गए।

दिल्ली के कोने-कोने से आए लोगों ने जनता दरबार में अपनी समस्याएं रखीं। कोई पानी की समस्या को लेकर आया, कोई वोटर कार्ड की समस्या लेकर। प्राइवेट टीचरों और गार्डों ने भी केजरीवाल के सामने अपना दुखड़ा रखा। इनमें से कई लोगों को एक पर्ची दी गई है जिसे लेकर वो कुछ दिनों बाद सचिवालय आ सकते हैं।
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कई लोगों ने कहा कि केजरीवाल ने हमारी अर्जी ले ली है और भरोसा दिया है कि सुनवाई करेंगे। कुछ ने कहा कि हमारी उनसे मुलाकात नहीं हो पा रही है। हम सुबह से आए हैं, अब कैसे मिलें। केजरीवाल को हम लोगों से मिलने के लिए कोई नया रास्ता निकालना होगा। ऐसे वो हमारी बात नहीं सुन पाएंगे। वहीं कुछ लोगों ने केजरीवाल को सफलता की दुआएं भी दीं। आम आदमी पार्टी की दिल्ली की सरकार ने हर शनिवार को सचिवालय के बाहर जनता दरबार लगाने की घोषणा की है।

आप’ का जनता दरबार

केजरीवाल और उनके मंत्रियों का जनता दरबार हर शनिवार सुबह 9.30 बजे से 11 बजे तक लगेगा। सभी मंत्री सड़क पर बैठकर लोगों की समस्याएं सुनेंगे। मुख्यमंत्री के मुताबिक शुरुआत में बड़ी संख्या में दिल्ली के लोगों की समस्याएं आएंगी। सरकार इन समस्याओं को चार अलग-अलग कैटेगरी में बांटेगी। गंभीर और जरूरी समस्याओं को हाथ के हाथ मौके पर ही सुलझाया जाएगा। जबकि अन्य समस्याओं को पांच कैटेगरी में बांटकर उन्हें सिलसिलेवार तरीके से निपटाया जाएगा। केजरीवाल के मुताबिक लोगों की समस्याएं बेहद ज्यादा हैं लेकिन सिस्टम को दुरुस्त कर इन समस्याओं को कम किया जाएगा।

सिर्फ शनिवार ही नहीं बल्कि दिल्ली सरकार का कोई एक मंत्री रोजाना सचिवालय के बाहर जनता की समस्याएं सुनने के लिए सड़क पर होगा। समस्याएं सुनने वाला मंत्री हर विभाग की समस्याएं लेगा और बाद में उसे संबंधित विभाग को निपटारे के लिए भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा है कि समस्याओं के निपटारे के बाद संबंधित विभाग की ओर से शिकायत करने वाले लोगों को एसएमएस भेजा जाएगा कि उनकी समस्या का समाधान हो गया है। अगर लोगों को लगता है कि उनका काम हो गया तो वो YES में जवाब दें और अगर उन्हें लगता है कि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो NO लिखकर जवाब दें। ऐसे में संबंधित विभाग उस समस्या को अलग से निपटाने की कोशिश करेगा।