पीएम बोले- मैं रिटायर, खुद को साबित करे आप और मोदी देश के लिए घातक,

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manmohan singh12:20: पीएम मनमोहन सिंह की प्रेस कांफ्रेस खत्म हो गई है.

12:14:
लटके बिलों से जुड़े एक सवाल पर पीएम ने कहा कि वे महिला आरक्षण बिल लागू करने की कोशिश करेंगे.

12:09: दो पावर सेंटर के सवाल पर बोलते हुए पीएम ने कहा कि सोनिया और राहुल सलाह देते हैं और मैं समझता हूं कि इसमें कोई बुराई नहीं है।

12:00: राहुल गांधी से जुड़े एक सवाल के जवाब में पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि पार्टी ने कभी उनसे इस्तीफे को नहीं कहा। उन्होंने कहा कि राहुल अगर सरकार में शामिल होते तो सरकार की ताकत बढ़ जाती, पार्टी में राहुल गांधी की भावनाओं का सम्मान होता है।

11:56: आम आदमी पार्टी से जुड़े एक सवाल पर मनमोहन सिंह ने कहा कि अभी कुछ कहना बहुत जल्दबाजी होगा क्योंकि अभी उनकी सरकार को बने मात्र चंद दिन ही हुए हैं. हमें चाहिए कि हम जनता के फैसले का सम्मान करें और उनको चाहिए कि वे खुद को साबित करें.

11:46: राहुल वर्सेस मोदी के सवाल पर बोलते हुए पीएम मनमोहन सिंह ने केवल इतना कहा कि मुझे उम्मीद है कि अगला पीएम यूपीए का ही होगा. उन्होंने कहा कि अगर मोदी पीएम बने तो ये देश के लिए विनाशकारी होगा.

11:35: एक सवाल के जवाब में पीएम ने कहा कि,”सच्चर कमेटी की सिफारिशों को लागू करने में हमने काफी काम किया है…मुझे दुख है कि ये आवाम तक नहीं पहुंच सकी. रिपोर्ट के कुछ हिस्सों पर काम भी बाकी है…हमने अल्पसंख्यकों के लिए काफी काम किया है.”

11:23: अगर इस बार यूपीए की सरकार बनी तो मैं पीएम नहीं बनूंगा. राहुल गांधी के भीतर काफी पोटेंशल है. पार्टी इस बारे में उचित वक्त पर निर्णय लेगी.

11:21: पीएम मनमोहन सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि मैं अगले पीएम को अपनी विरासत देने को तैयार हूं. उन्होंने उम्मीद जताई कि अगला पीएम भी यूपीए का ही होगा. उनके इस बयान के साथ एक बार फिर ये सवाल खड़ा हो गया है कि क्या वे अगली बार यूपीए की ओर से पीएम उम्मीदवार नहीं होंगे? सवाल ये भी है कि इस बार पीएम उम्मीदवार कौन होगा?

11:15: पीएम मनमोहन सिंह ने कुबूल किया है कि उनकी सरकार रोजगार बढ़ाने में विफल रही है. उन्होंने ये भी कुबूल किया कि बढ़ती महंगाई देश के लिए चिंता का सबब बनी है, लेकिन उन्होंने दावा किया कि साथ ही प्रति व्यक्ति आय भी चार गुना बढ़ी है.

11:13: मनमोहन सिंह ने कहा कि ग्रामीण इलाकों तक विकास पहुंचा है, सर्व शिक्षा अभियान से सभी को लाभ हुआ है और खास तौर पर एससी-एसटी को इसका लाभ हुआ है.

11:10:
पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि हमने अर्थव्यवस्था के हित में कई फैसले लिए. हमारे पहले कार्यकाल में विकास दर नौ फीसदी रही, लेकिन आर्थिक मंदी का असर भारत पर भी पड़ा.

11:06: मनमोहन सिंह ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि भले ही हमारी पार्टी इन विधानसभा चुनावों में जीत नहीं पाई लेकिन हमें उम्मीद है कि अब ऐसा नहीं होगा.

11:00: मीडिया सेंटर पहुंच चुके हैं पीएम मनमोहन सिंह| अपना सम्बोधन दे रहे है|.

10.40 बजेः प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह दिल्ली के मीडिया सेंटर में प्रमुख संपादकों को संबोधित करेंगे। ऐसा कहा जा रहा है कि वह कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं।

10.30 बजेः महंगाई और भ्रष्टाचार समेत तमाम बदनामी से जूझ रही यूपीए सरकार के मुखिया मनमोहन सिंह अब फाइनल साल 2014 की शुरुआत बेहतर करने की कोशिश में हैं।

10.20 बजेः लिहाजा, शिक्षा का अधिकार, भूमि अधिग्रहण, खाद्य सुरक्षा कानून, अल्पसंख्यकों की कल्याणकारी योजनाएं, लोकपाल, सूचना का अधिकार और सीधे नकद सब्सिडी समेत तमाम कामों को गिनाने की कोशिश होगी। जबकि विपक्ष के आरोपों का भी जवाब दिया जाएगा।

10.15 बजेः प्रधानमंत्री को रिटायरमेंट और इस्तीफे को लेकर लग रही अटकलों को लेकर कठिन सवालों का सामना भी कर पड़ सकता है। सबसे ज्यादा नजर राहुल को प्रधानमंत्री की कुर्सी सौंपने के सवाल पर है।

10 बजेः कई दिनों से यह खबर चलाई जा रही है कि प्रधानमंत्री इस्तीफा देकर राहुल को पीएम की कुर्सी दे सकते हैं। हालांकि सरकार की ओर से इसका खंडन किया जा चुका है।

अब तक हुआ क्या?
राहुल गांधी को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बनाने को लेकर कांग्रेस में कोशिशों का दौर जारी है। लिहाजा पार्टी में हर कोई इसका श्रेय लेने की कोशिश में है।

अब भले ही इसे लेकर अनिश्चितता का माहौल हो, लेकिन 17 जनवरी को कांग्रेस की बैठक में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने प्रस्ताव लाया जा सकता है। कई विधायक और सांसद भी ऐसा ही प्रस्ताव दे सकते हैं। वहीं पार्टी के कई शीर्ष नेताओं का कहना है कि हाईकमान की मंजूरी के बाद ही पार्टी का कोई नेता ऐसा कर सकता है।

मगर फिर भी 17 जनवरी को सोनिया और राहुल की आंखों में खुद को सबसे बड़ा वफादार बनने की कोशिश में पार्टी के छोटे से बड़े नेता ही नहीं बल्कि आम कार्यकर्त्ता भी जुटे हुए हैं। इसलिए यह भी संभावना जताई जा रही है कि हाईकमान मंजूरी दे न दें, लेकिन नेता और कार्यकर्त्ता अपने नंबर बढ़ाने का मौका जाने नहीं देंगे।