अलीराजपुर। एक फिल्म का गीत है ‘संभाल अपनी मुर्गी को, मेरा मुर्गा हुआ है दीवाना’ मगर यह सीख मध्य प्रदेश के अलीराजपुर में एक मुर्गी पालक के काम न आई। वह जब अपनी मुर्गी का पड़ोसी के मुर्गे से मिलन को रोक नहीं पाया तो उसने तीर मारकर मुर्गे की जान लेने की कोशिश की। मुर्गा खुशनसीब निकला, उसे समय पर इलाज मिल गया और वह बच गया।
मामला अलीराजपुर के जोबट थाना क्षेत्र का है। यहां दो पड़ोसी ज्ञान सिंह और राढू सिंह मुर्गा व मुर्गी पाले हुए हैं। पिछले कुछ दिनों से राढू सिंह का मुर्गा ज्ञान सिंह के घर में घुसकर मुर्गी से मिलता था। ज्ञान सिंह ने कई बार मुर्गे को खदेड़ा, मगर बीते रोज उसे मुर्गे का आना नागवार गुजरा और उसने उसे तीर मार दिया।
जोबट थाने के प्रभारी आशाराम वर्मा ने बताया कि बीते रोज ज्ञान सिंह ने मुर्गे को तीर मारा था। तीर मुर्गे के शरीर में धंसा था, उसे उपचार के लिए चिकित्सक के पास ले जाकर तीर को निकाल लिया गया। मुर्गा अब ठीक है। राढू की शिकायत पर ज्ञान सिंह के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया है।
फिलहाल मुर्गे की हालत ठीक है और मालिक घर में ही उसकी देखरेख कर रहा है। राढू सिंह का कहना है कि अब वह कोशिश करेगा कि मुर्गा किसी तरह की मुसीबत में न फंसे, मगर उसे अपने पड़ोसी ज्ञान सिंह जो उसका रिश्ते में भाई भी लगता है, की हरकत अच्छी नहीं लगी।
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मुर्गे और मुर्गी के मिलन से लेकर मुर्गे को तीर मारे जाने की घटना की पूरे अलीराजपुर में चर्चा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मुहब्बत के विरोधियों के किस्से तो बहुत सुने हैं, मगर जानवरों के मिलन के विरोध का यह पहला मामला सामने आया है।