अरविन्द केजरीवाल और उनके राजनैतिक कुनबे के शपथ लेने से पहले ही लोग खुद व् खुद सुधरते दिखायी पड़ रहे है| इसे आम आदमी पार्टी की ईमानदारी के प्रति वचनवद्धता का डर कहें या फिर “यथा राजा, तथा प्रजा” कहे| मगर सुधार और सुधरने के लिए एक जज्बा और जिद की जरुरत तो होती ही है| आप के होने वाले मंत्री और केजरीवाल के राईट हैण्ड पत्रकार मनीष सिसोदिया से मिलने के लिए उनके ज़ी न्यूज़ के एक पुराने साथी/दोस्त/सीनियर जब मुम्बई से दिल्ली में उनके घर पहुचे तो पता भूल गए| ऑटो के सवारी और पत्रकार पंकज शुक्ल मनीष सिसोदिया के घर पहुचने तक आयी मुश्किलो और दिल्ली के बदलते स्वरुप को फेसबुक पर अपडेट कर रहे थे| वे लिखते है कि ऑटो वाले ने बहुत कम पैसे लेते हुए बताया कि वसूली (पुलिसिया) बंद हो गयी है इसलिए कम पैसे में काम चल जायेगा| देखिये पंकज शुक्ल का फेसबुक स्टेटस…
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