विजय दिवस: 42 साल से शहीद की पत्नी को मिली गैस एजेंसी पार्टनर के कब्जे में!

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फर्रुखाबाद: पूरे देश में 1971 में पाकिस्तान पर भारत की विजय के उपलक्ष्य में 16 दिसम्बर को विजय दिवस मनाया गया| फतेहगढ़ के राजपूत रेजिमेंट में अमर जवान ज्योति से लेकर शहीदो की प्रतिमाओ और चौक पर मोमबत्ती जलाकर शहीदो की देश के लिए दी गयी शहादत को याद किया गया| वहीँ नगर के चौक पर 1971 के युद्ध में शहीद हुए रघुनाथ शरण दीक्षित की शहादत और 30 साल से उस शहीद की पत्नी माधुरी दीक्षित के दर्द को भी याद किया गया| शहीद की पत्नी को भारत सरकार ने फतेहगढ़ में गैस एजेंसी आवंटित की थी जिस पर पार्टनर ने कब्ज़ा कर लिया और माधुरी 30 साल से न्याय को भटक रही है|
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राजपूत रेजिमेंट के करिअप्पा काम्प्लेक्स में 43वा विजय दिवस समारोह मनाया गया| राजपूत रेजिमेंट और सिखलाई रेजिमेंट के अफसरो, जवानो और पूर्व सैनिको ने इस कार्यकर्म में भाग लिया| अमर जवान ज्योति पर ब्रिगेडियर आनंद सिंह रावत ने मातृभूमि के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले शहीदो को पुष्प चक्र अर्पित कर सलाम किया और दो मिनट का मौन रखा| डिप्टी कमांडेंट राजपूत रेजिमेंट कर्नल राजेश पणिकर, डिप्टी कमांडेंट सिखलाई रेजिमेंट कर्नल संदीप चौधरी और सेण्टर सूबेदार मेजर नरेंद्र सिंह ने भी जे सी ओज की तरफ से पुष्प चक्र अर्पित किये| इस मौके पर ब्रिगेडियर आनन्द ने कहा कि दुनिया भर में भारतीय सैनिको का शौर्य, पराक्रम और रण कौशल सबसे उत्कृष्ठ है| पाकिस्तान पर भारत की विजय उसी एकता और पराक्रम का परिणाम था|
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फतेहगढ़ सिविल लाइन स्थित तिराहे पर लगी शहीद कौशलेन्द्र की प्रतिमा पर मोमवत्ती जलाकर और पुष्प चक्र अर्पित कर जवानो की शहादत को याद किया गया| पूर्व सैनिको ने इस मौके पर अपनी अपनी लड़ाइयां याद की और जवानी के दिन ताजा किये|
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वहीँ फर्रुखाबाद चौक पर समजसेविओ और नगर के वरिष्ठ नागरिको ने पाकिस्तान पर भारत की विजय को याद करते हुए शहीद जवानो को याद किया| इस मौके पर दिवाकरनंद दुबे, व्यापारी नेता अरुण प्रकाश तिवारी ददुआ, रामजी मिश्रा, रामशंकर सक्सेना, अभयशंकर द्विवेदी, सुनील तिवारी, सनी अवस्थी सहित दो दर्जन समजसेविओ ने चौक पर शहीद की पत्नी माधुरी दीक्षित के साथ मोमबत्ती जलायी| इस मौके पर मानवाधिकार संगठन के जिला महासचिब आदित्य ने दुःख व्यक्त किया कि 1971 की लड़ाई में नगर के पहले शहीद रघुनाथ शरण दीक्षित की पत्नी माधुरी दीक्षित को सरकार ने फतेहगढ़ में गैस एजेंसी आवंटित की थी जिस पर पार्टनर ने कब्ज़ा कर लिया और शहीद की पत्नी न्याय के लिए आज भी भटक रही है| चौक पर सभी ने दो मिनट का मौन रखकर शहीदो को श्रद्धांजलि दी|