केंद्र सरकार समलैंगिकता पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बेअसर करने के लिए फिलहाल कोई अध्यादेश नहीं लाने जा रही है। गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के मुताबिक इस विवादास्पद फैसले पर इस वक्त अध्यादेश लाने पर कोई विचार नहीं हो रहा है। बंगलूरू में एक समारोह के बाद शिंदे ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी दोनों ही इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट कर चुके हैं। मैं भी दोनों नेताओं के विचारों से सहमत हूं।
शिंदे से जब यह पूछा गया कि क्या सरकार समलैंकिता पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बेअसर करने के लिए अध्यादेश लाएगी, इस पर उन्होंने कहा कि फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को पलट दिया था, जिसमें आपसी सहमति से किसी निजी जगह पर समलैंगिकों के बीच यौन संबंध को अपराध के दायरे से हटा दिया गया था।
[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने समलैंगिंकों के अधिकारों का समर्थन करते हुए इस फैसले पर निराशा जाहिर की थी। राहुल गांधी ने इसे निजी तौर पर व्यक्तिगत आजादी का मामला माना था। उन्होंने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर सहमति जताई थी। इस मामले पर सोनिया गांधी भी हाईकोर्ट के फैसले के समर्थन में दिखीं थी। कांग्रेस अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करते हुए उम्मीद जताई थी कि संसद इस मामले पर विचार करेगी।