जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए डॉ अनीता साइकिल पर

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फर्रुखाबाद: जिले के प्रथम नागरिक जिला पंचायत अध्यक्ष का महत्वपूर्ण पद पाने के लिए समाजवादी पार्टी एवं बहुजन समाजवादी पार्टी आमने-सामने आ गयी है|

पहली बार राजनीति में प्रवेश कर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने वाली डॉ अनीता यादव ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद की टिकट हासिल करने के लिए समाजवादी पार्टी में अर्जी दे दी है| सपा ने पार्टी कार्यालय पर जिला पंचायत अध्यक्ष पद की टिकट के आवेदन लेने के लिए बैठक बुलाई|

डॉ अनीता के आवेदन को उनके पति डॉ अनार सिंह यादव ने सपा जिलाध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव को सौंप दिया| डॉ यादव ने बताया कि वह जिलापंचायत सदस्यों से निरंतर सम्पर्क में हैं| जिलाध्यक्ष श्री यादव ने दावा किया कि पार्टी के ८ समर्थक जिलापंचायत का चुनाव जीते हैं| जिनमे डॉ अनीता के अलावा मंजू लता यादव, गुड्डी यादव, दृगपाल सिंह यादव बाबी, रावेन्द्र सिंह यादव चुन्नू, राम विलास राजपूत, ममता माथुर एवं ग्रीश चन्द्र यादव एडवोकेट सामिल है|

उन्होंने बताया कि सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव टिकट की घोषणा करेंगे| उन्होंने इस बात का भी रोना रोया कि बसपा समर्थकों की गुंडागर्दी एवं धांधलगर्दी के कारण अनेकों प्रत्याशी पंचायत चुनाव हार गए| बैठक के दौरान पूर्व जिलाध्यक्ष सतीश दीक्षित, महामंत्री सुनील सिंह गौढ़, महानगर अध्यक्ष चाँद मोहम्मद, पूर्व अध्यक्ष विश्वास गुप्ता, मुन्ना यादव एडवोकेट आदि मौजूद रहे|

उधर बेटे सहित चुनाव हार जाने के कारण मुकेश राजपूत ने अभी तक चुनाव लड़ने के सम्बन्ध में पत्ते नहीं खोले हैं| माना जा रहा है कि पंचायत अध्यक्ष पद की कीमत ३ करोड़ से ऊपर पहुँच जाने के कारण उन्होंने चुनाव न लड़ने का मान बनाया है जबकि समर्थक चुनाव लड़ने के लिए काफी दवाव डाल रहे हैं|

बसपा विधायक ताहिर हुसैन सिद्दीकी के भाई तहसीन ने बताया कि शीघ्र ही जिला पंचता अध्यक्ष पद की टिकट के लिए उनके नाम की घोषणा पार्टी की ओर से हो जायेगी| उन्होंने बताया कि मै चुनाव जीतने के लिए ही मैदान में आया हूँ| उन्होंने बताया कि जिला पंचायत सदस्य राम विलास राजपूत मेरी सूची में हैं|

आलू आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय गंगवार सन्नू अपने भाई अतुल गंगवार को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिए गणित लगा रहे हैं| जिला पंचायत सदस्य गुड्डी के पति सपा नेता रामप्रकाश यादव कल्लू ने बताया कि अभी उन्होंने पत्नी को अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ाने या न लड़ने का फैंसला नहीं किया है|