FARRUKHABAD : अवकाश प्राप्त प्राथमिक शिक्षक कल्याण एसोसिएशन की तरफ से आयोजित किये गये दो दिवसीय कार्यक्रम में पहुंचे माध्यमिक शिक्षा मंत्री विजय बहादुर पाल ने 25 पूर्व अध्यापकों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में पहुंचे राज्य शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्तमान में नकल प्रथा दहेज प्रथा से भी ज्यादा घातक है। नकल समाज के युवा वर्ग को अपंग बना रही है। हमें इससे सावधान रहना होगा।
कार्यक्रम में माध्यमिक शिक्षा मंत्री विजय बहादुर पाल के साथ श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष सतीश दीक्षित भी पहुंचे। रस्तोगी इंटर कालेज में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन का उदघाटन दोनो मंत्रियों ने सरस्वती प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन के साथ माल्यार्पण कर किया। सरस्वती शिशु मंदिर की छात्राओं ने सरस्वती वंदना व स्वागत गीत गाकर आगंतुकों का स्वागत किया। इस दौरान शिक्षा मंत्री विजय बहादुर पाल ने पूर्व अध्यापक हरिनरायण सिंह, देवदास, जितेन्द्र सिह, कौशल किशोर चतुर्वेदी, केपी सिंह, हरीबाबू, श्रीप्रकाश, रामनरायन शुक्ला, मेवाराम तिवारी, श्यामलाल, सुरेशचन्द्र, यूशुफ अफरोज, सोवरन सिंह सहित कुल 25 पूर्व शिक्षकों को सम्मानित किया।
वक्तव्य के दौरान माध्यमिक शिक्षा मंत्री विजय बहादुर पाल ने कहा कि वर्तमान में शिक्षकों ने अपना सम्मान खोया है। स्कूल के समय में शिक्षक अपनी जरा सी भी ऊर्जा खर्च नहीं करते। वही शिक्षक प्राइवेट तौर पर गरीब व अन्य श्रेणी के बच्चों से मोटी रकम वसूल कर ट्यूशन कर व्यापार करते हैं। जिससे उनकी प्रतिष्ठा व सम्मान में कमी आयी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लोकतंत्र है और लोकतंत्र में लोकलाज आति आवश्यक है। ऐसे में शिक्षकों को अपनी लोक लाज का ख्याल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को तभी उत्तम प्रदेश बनाया जा सकता है जब प्रदेश की शिक्षा उत्तम हो।
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नकल पर अपने विचार व्यक्त करते हुए माध्यमिक शिक्षा मंत्री विजय बहादुर पाल ने कहा कि वर्तमान में दहेज प्रथा से भी घातक नकल हो गयी है। इसकी जिम्मेदार खुद हम हैं। छात्रों के परिजन ही जब नहीं चाहते कि नकल पर शिकंजा कसे तो फिर नकल रोकना कैसे संभव है।
हमें चाहिए कि हम डटकर नकल का विरोध करें, प्रदेश सरकार पूरी तरह से नकल के खिलाफ है। मंत्री सतीश दीक्षित ने कहा कि हमें शतप्रतिशत मतदान करना चाहिए तभी हम अपने अधिकार का समुचित प्रयोग कर पायेंगे। मतदान पर आई गिरावट में उन्होंने चिंता व्यक्त की। कार्यक्रम में आये कोषागार के संयुक्त निदेशक के के सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार के खजाने से तकरीबन 40 हजार करोड़ रुपये शिक्षकों पर ही खर्च किया गया है। लेकिन इसके बावजूद भी हम अभी शिक्षा के क्षेत्र में बहुत पिछड़े हैं। देश की टाप शिक्षण संस्थायें आईआईटी और आईआईएम भी दूसरे देशों के शिक्षण संस्थानों की तुलना में काफी पीछे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस पर काम कर रही है।
इस दौरान प्रभारी डीआईओएस भगवत पटेल के साथ-साथ संगठन के अध्यक्ष अबधेश सिंह गौर, संरक्षक रामनरायन शुक्ला, जिला सचिव ज्योति स्वरूप अग्निहोत्री, मेवाराम त्रिवेदी, विपिनचन्द्र दीक्षित, हरिनरायन सिंह, राजकुमार बाजपेयी, देवेन्द्रनाथ मिश्रा, जितेन्द्र देव सक्सेना आदि मौजूद रहे। स्वागत गीत में छात्राओं के नृत्य के दौरान सरस्वती शिशु मंदिर सेनापति के संगीतार्चा सर्वेश कुमार शुक्ल ने ढोलक व छात्र आनंद कुमार शुक्ल ने हरमोनियम पर अपनी कला का प्रदर्शन किया।