इतिहास के बिना वर्तमान के अध्ययन का महत्व नहीं: डा0 रामकृष्ण

Uncategorized

FARRUKHABAD : बद्री विशाल कालेज में आयोजित इतिहास विभाग की ओर से वार्षिक संगोष्ठी में वर्तमान समय में पुरातत्व संरक्षण की उपादेयता पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे डा0 रामकृष्ण राजपूत ने कहा कि इतिहास के बिना हम वर्तमान का अध्ययन पूरी तरीके से नहीं कर सकते। इसलिए हमें इतिहास में विशेष जानकारी रखनी चाहिए।badri vishal

कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया। स्कूल की छात्रायें प्रिया, रमा, संध्या, मेघा, पल्लवी व प्राध्यापिका विजेता ने सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम में आये अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान कार्यक्रम में बोलते हुए डा0 रामकृष्ण राजपूत ने कहा कि एक टहनी किसी दिन पतवार बन सकती है, एक चिंगारी किसी दिन अंगार बन सकती है।

[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]

यह शब्द उन्होंने गोष्ठी में आये छात्र छात्राओं की तरफ इशारा करते हुए कहा। और कहा कि भविष्य में इसी में से बड़े बड़े विद्धान निकलकर सामने आयेंगे। उन्होंने कहा कि सभी विषयों का अपना इतिहास होता है, फिर वह चाहे राजनीति, शिक्षा, अर्थशास्त्र कोई भी इससे अछूता नहीं है। कई प्रतियोगी परीक्षाओं में इतिहास का अपना महत्वपूर्ण स्थान है। पुरातत्व संरक्षण विभाग दिल्ली द्वारा छात्रों को बहुत सुविधायें प्रदान की गयी हैं।

स्मारक, सभा मण्डप, स्तूप तथा ग्रंथ सामग्री जो भी ऐतिहासिक चीजें हैं उनका संरक्षण भी वर्तमान समय में बहुत आवश्यक है। जिससे विदेशी पर्यटकों को जनपद में आने के लिए आकर्षित किया जा सकता है। उन्होंने पुरातत्व से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातों पर प्रकाश डाला। साथ ही साथ कहा कि इतिहास के बिना हम वर्तमान का अध्ययन नहीं कर सकते।

संगोष्ठी के मुख्य वक्ता समाजशास्त्र विभाग के डा0 एम एच सिद्दीकी ने कहा कि प्रत्येक काल का अपना इतिहास है। हमें प्रयास करना चाहिए कि हम नदियों, पहाड़ों आदि का अवलोकन स्वयं करें और उसकी अनुभूति करें। तभी उसके महत्व को समझा जा सकता है। विशिष्ट अतिथि हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डा0 आर एन त्रिपाठी ने पुरातत्व संरक्षण की उपादेयता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इतिहास के अपने कुछ चरण चिन्हं है। वह अपने चारो तरफ चिन्हों को छोड़कर आगे बढ़ता है। इतिहास आपके साथ-साथ चलता है यह आपकी दृष्टि पर निर्भर करता है। आप उसे ढूंढ पाते हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि फर्रुखाबाद का इतिहास बहुत ही धनी इतिहास है। कहा कि गंज शब्द व्यापार और वाणिज्य, राजस्व से जुड़ा होता है। फर्रुखाबाद के लिंजीगंज का अपना इतिहास है।

कार्यक्रम में इतिहास विभाग की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में एम ए की अनुजा पाण्डेय ने प्रथम, अवनीश श्रीवास्तव प्रथम, रूबी श्रीवास्तव द्वितीय, नीलू तृतीय स्थान प्राप्त किया। बीए के छात्र लाल सिंह ने प्रथम व प्रिया, संध्या कुमारी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। निबंध प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी।

कार्यक्रम में डा0 एस के त्रिपाठी, डा0 प्रभात, डा0 ह्रदेश, डा0 एस के द्विवेदी, डा0 अमरनाथ द्विवेदी, प्रो0 देवेन्द्र, डा0 ए के शुक्ला, डा0 एस के श्रीवास्तव, डा0 माधुरी दुबे, डा0 शोभा श्रीवास्तव, रश्मि प्रियदर्शिनी आदि मौजूद रहे।