दिल्ली: राजनीतिक विरोधियों के बारे में विवादित बयान देने के लिए चर्चित इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने अब न्यायपालिका पर निशाना साधा है। एक कार्यक्रम में विभिन्न मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट की सक्रियता की परोक्ष तौर पर आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि स्टील उद्योग के लिए मंत्री के बजाय सुप्रीम कोर्ट के किसी जज को बुलाना बेहतर होता।
स्टील उद्योग के दिग्गजों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘कोल ब्लॉक का आवंटन आपको हुआ है। आपने ब्लॉक में धन निवेश किया है… अदालत भी निर्देश दे रही है। सीबीआई के निदेशक क्या कर सकते हैं? जब अदालत निर्देश दे रही है, आप सुप्रीम कोर्ट के एक जज को आमंत्रित कर लीजिए।’
उद्योग संगठन एसोचैम की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिंदल स्टील एंड पावर के चेयरमैन नवीन जिंदल ने भी उद्योग जगत की मजबूरियों का रोना रोया।
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उन्होंने कहा कि स्टील संयंत्र लगाने वाले उद्योगपति हमेशा इस ऊहापोह में रहते हैं कि क्या वे देश के लिए कुछ अच्छा कर रहे हैं या फिर लूटपाट कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कभी आरोप लगाया जाता है कि उसने कोयला चुरा लिया, कभी कहा जाता है कि उसने गलत तरीके से जमीन का अधिग्रहण कर लिया। इस तरह आरोप पर आरोप लगते रहते हैं। इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
बेनी ने हालांकि बाद में कहा कि उन्होंने कभी यह नहीं कहा कि न्यायपालिका विकास को रोक रही है। उन्होंने केवल यह कहा कि उनको विकास की प्रक्रिया का हिस्सा बनना चाहिए और ऐसी बैठकों में निश्चित तौर पर उन्हें बुलाया जाना चाहिए। एक दिन पहले ही भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को चाय बेचने वाला करार देकर बेनी ने खूब सुर्खियां बटोरी थी।