FARRUKHABAD : भगवान विष्णु के पर्व देवोत्थान एकादशी के पर्व पर शहर में जगह जगह गन्ने और सिंघाड़े की दुकानें सजायी गयीं। पिछली वर्ष के अपेक्षा इस वर्ष दोगुनी कीमत में गन्ना और सिंघाड़े बिके।
हिन्दू धर्म में देवोत्थान एकादशी का विशेष महत्व है। इस दिन भगणन विष्णु अपनी चार माह की निद्रा के बाद जागते हैं। पुराणों के अनुसार अषाण शुक्ल पक्ष एकादशी से कार्तिक शुक्लपक्ष एकादशी तक भगवान चार माह की निद्रा क्षीरसागर में शेषनाग के ऊपर लेते हैं और देवोत्थान एकादशी पर उनके जागने की खुशी में गन्ना, सिंघाड़े आदि से उनकी पूजा की जाती है।
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जिसके चलते गन्ने और सिंघाड़ों की विक्री तो हुई लेकिन दो गुने कीमत पर। गन्ना 4 रुपये से लेकर 5 व 10 रुपये तक विक्री किया गया तो वहीं सिंघाड़े 15 से 20 रुपये किलो के भाव से बिके। महंगाई की मार से गन्ना और सिंघाड़े के दाम पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष दो गुने नजर आये। बाजार में सिर्फ औपचारिकता के लिए ही गन्ना और सिंघाड़े की विक्री की गयी।