FARRUKHABAD : करवाचौथ पर अपनी पत्नियों का मुहं मीठा कराने के लिए जमकर बाजार में मिठाई की खरीददारी हुई। जिसमें इमरती को लाइन लगाकर खरीदा गया।
पूरे शहर में जगह जगह मिठाई की दुकानों पर बाहर अलग से इमरती के काउंटर लगाये गये थे। करवाचौथ पर इमरती पत्नी को खिलाने का पुराना रिवाज है। करवाचौथ पर ढाई सौ रुपये से लेकर साढ़े तीन सौ रुपये किलो के हिसाब से इमरती धड़ल्ले से बिकी। मिठाई की दुकानों पर बम्पर भीड़ भी रही।
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एक एक दुकान पर कई कई कारीगर महज इमरती बनाने के लिए लगाया गया था।
जानकार लोगों के अनुसार दाल की बनी ये इमरती खाने से प्यास कम लगती है। करवा चौथ पर सुहागिनों पर बिना पानी पिये व्रत रहना पड़ता है। जिससे व्रत रखने से पूर्व महिलाओं को कुछ ऐसी चीजें खाने की आवश्यकता होती है जिनसे प्यास कम लगे व अगले दिन भूख का भी एहसास कम ही हो। इसके लिए महिलाओं की इमरती खासी पसंद बनी हुई हैं। यही बजह है कि करवाचौथ से एक दिन पूर्व बीती शाम को इमरती की विक्री खूब हुई।