पुलिस ने उलझाई मासूम की हत्या की गुत्थी, तहरीर के बाद भी अभियुक्तों पर कार्यवाही नहीं

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FARRUKHABAD : थाना कमालगंज क्षेत्र के ग्राम खेरे नगला में बीते दिनों हुई मासूम की हत्या के मामले में पुलिस की मानें या डाक्टरों की दोनो के विरोधाभासी वयानों से मासूम अनुज की मौत की गुत्थी उलझती चली जा रही है। एक तरफ मृतक मासूम के पिता ने थाने में तहरीर दी लेकिन पुलिस हत्या को मानने से इंकार कर रही है।ANUJ,S FAMILY

बीते दिन डेढ़ वर्षीय मासूम अनुज की मौत घर के बाहर चारपाई पर लेटे होने के दौरान हो गयी थी। मृतक के पिता रामतीर्थ बाथम पुत्र जीवनलाल ने पहले ही अपने भाई व भाभी पर हत्या का आरोप लगाया था। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में श्वांस नली अवरुद्व होने से मासूम अनुज की मौत का कारण बताया गया। पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक एस पी सिंह कुशवाह की मानें तो लड़के की मौत की बजह तो सांस अवरुद्व होने से ही हुई है, कारण कोई भी रहा हो। श्री कुशवाह का कहना है कि ऐसी स्थिति में यह कह पाना मुस्किल है कि मौत की बजह क्या है। इसे विवेचक घटना के कारणों की तलाश के बाद ही बता पायेगा। डाक्टर ने यह भी बताया कि सांस अवरुद्व होने का एक कारण फेफड़े की बीमारी भी होती है लेकिन अनुज को ऐसी कोई बीमारी नजर नहीं आयी।

डाक्टर के इस वयान से मासूम अनुज की मौत की गुत्थी उलझती चली जा रही है। पुलिस मामले को दर्ज करने से कतरा रही है। मृतक के पिता रामतीर्थ बाथम ने शनिवार को थाना कमालगंज में तहरीर दी।

जिसमें कहा गया है कि ग्राम खेरे नगला की ग्राम पंचायत पट्टी कतरौली का निवासी है। 17 अक्टूबर की रात लगभग 8 बजे डेढ़ वर्षीय पुत्र अनुज अकेला घर के बाहर छप्पर के नीचे सो रहा था। जिसकी मौत होने के सम्बंध में रिपोर्ट थाने में दर्ज करायी थी। जानकारी होने पर अनुज की हत्या बड़े भाई फूलसिंह उर्फ डिप्टी पुत्र जीवनलाल व उनकी पत्नी सिंगारादेवी ने मिलकर सम्पत्ति के लालच में की है। जिनके विरुद्व रिपोर्ट दर्ज कर कार्यवाही की जाये।

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उसने यह भी कहा हे कि बीते चार दिन पूर्व जमीन हड़पने को लेकर भाई व भाभी ने उसके साथ मारपीट भी की थी और यह भी कहा था कि तुम्हारा वंश मेट देंगे। घटना के वक्त पत्नी गुड्डीदेवी ने आरोपी को छप्पर से निकलते भी देखा। थानाध्यक्ष के अनुसार बीमारी आदि से मासूम की मौत हुई है। जांच की जा रही है। जांच के बाद ही अभियुक्तों के विरुद्व कार्यवाही की जायेगी।

इस सम्बंध में अधिवक्ता दीपक द्विवेदी ने बताया कि दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 154 (1) के अनुसार पुलिस को अगर नामजद अभियुक्तों के खिलाफ तहरीर मिलती है तो उसे तत्काल एफआईआर दर्ज करनी चाहिए। यदि पुलिस नामजद तहरीर मिलने के बावजूद भी एफआईआर दर्ज नहीं करती तो पुलिस मैनुअल के अनुसार विभागीय कार्यवाही होनी चाहिए।