FARRUKHABAD: थाना कमालगंज क्षेत्र के ग्राम राजेपुर सरायमेदा में बीते पांच वर्षों से कागजों पर ही फर्जी तरीके से संचालित मदरसे के विरोध में गांव के ही निवासी एनुल हसन पुत्र अबुल हसन आमरण अनशन पर बैठ गये हैं। एनुल हसन ने यह भी कहा है कि यदि आमरण अनशन के दौरान उनकी मृत्यु हो जाती है तो इसके जिम्मेदार अल्पसंख्यक अधिकारी व खण्ड शिक्षा अधिकारी कमालगंज होंगे।
राजेपुर सरायमेदा निवासी एनुल हसन का कहना है कि बीते 28 मई 2008 से मदरसा जामिया अरबिया यासीनुल उलूम, पैगामे हक मुस्लिम मायनारिटी एजूकेशन सोसायटी के माध्यम से ग्राम पंचायत राजेपुर सरायमेदा क्षेत्र कमालगंज में भर्जीबाड़ा करके चलाया जा रहा है। मदरसा संचालन के नाम पर सरकारी धन का घोटाला उजागर करने के वास्ते एनुल हसन ने कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को भी पत्र सौंपे। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की।
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एनुल हसन गुरुवार को जिला कलेक्ट्रेट में आमरण अनशन पर बैठ गये। जिनका कहना है कि आमरण अनशन के दौरान उनकी यदि मौत हो जाती है तो जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी फर्रुखाबाद जो कागजों पर ही मदरसा चलवा रहे हें व एबीएसए कमालगंज जिन्होंने 12 अगस्त 2013 से जांच कर रहे हैं लेकिन सत्यता को छिपाये बैठे हैं। पैगामे हक मुस्लिम मायनारिटी एजूकेशन सोसाइटी के प्रबंधक को भी दोषी करार दिया गया है। एनुल हसन ने कहा है कि यदि मदरसे के खिलाफ कड़ी कार्यवाही नहीं होगी तब तक वह लगातार आमरण अनश्न पर बैठे रहेंगे।