FARRUKHABAD : सरस्वती भवन में चली रामलीला के बाद सोमवार को लंकापति रावण का वध होना था। आतिशबाजी देखने आये दर्शकों को इस बार फुलझड़ियों, पटाखों का प्रदर्शन अच्छा नहीं लगा। जिससे वह मायूस दिखे। ठेेकेदार ने काम में घाटा होने की बात कही।
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी लंकापति रावण का वध होना था। दर्शक रावण वध की लीला के साथ-साथ वध के उपरांत चलने वाली रंगबिरंगी आतिशबाजी को विशेष पसंद करते थे। लेकिन इस वर्ष आतिशबाजी दर्शकों को राष नहीं आयी। वल्कि उल्टे आतिशबाजी के प्रदर्शन के समय कई दर्शक जल भी गये। आतिशबाजी छुटाने के दौरान अच्छा प्रदर्शन न देख दर्शकों ने कई बार हंगामा भी किया। आतिशबाजी ठेकेदार मंसूर अहमद जोकि अलीगंज के सराय बस स्टेड के पास से आये थे, उन्होंने बताया कि रावण वध के समय की आतिशबाजी का ठेका 20 हजार रुपये में लिया था।
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रामलीला कमेटी के सदस्यों ने कहा था कि 20 हजार की आतिशबाजी कोई अन्य दूसरा आतिशबाज लगायेगा। लेकिन दूसरे आतिशबाज ने आतिशबाजी नहीं लगायी। जिससे उन्हें और कुछ अधिक माल आतिशबाजी में लगाना पड़ा। 15 कारीगर आतिशबाजी बनाने और लगाने में लगे। ठेकेदार का मानना है कि उसे काफी घाटे का सौदा करना पड़ा। 20 हजार में इससे अच्छी आतिशबाजी नहीं दिखायी जा सकती।