लखनऊ: फीस में 11 हजार रुपए की छूट। बाकी 40 हजार रुपए फीस भी दो किश्तों में। साथ में हॉस्टल सुविधा फ्री। कभी दोगुनी-तीन गुनी फीस वसूलने वाले बीएड कॉलेज छात्रों को लुभाने के लिए अब ऐसे ही ऑफर दे रहे हैं। यानी डिस्काउंट के साथ ईएमआई पर कीजिए बीएड।
दरअसल, बीएड में एडमिशन के लिए छात्र नहीं मिल रहे इसलिए कॉलेज ऐसे लुभावने ऑफर लेकर आ रहे हैं। खासतौर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ज्यादा सीटें खाली रह गई हैं। वहां पर कॉलेज ऐसे ऑफर वाले विज्ञापन दे रहे हैं और छात्रों को मोबाइल पर मैसेज भी भेज रहे हैं। सरकार ने बीएड की फीस 51,250 रुपए निर्धारित की है।
सीटें खाली रहने के चलते कई कॉलेज कम फीस पर भी दाखिला देने को तैयार हैं। इसके लिए सहारनपुर के दून कॉलेज ऑफ एजुकेशन ने विज्ञापन छपवाया है।विज्ञापन में लिखा है-‘अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए मुफ्त दाखिला। सामान्य और ओबीसी केलिए 20-20 हजार की दो किश्तों में फीस। हॉस्टल आवास सुविधा फ्री।’
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मेरठ के जेएस ग्रुप ऑफ एजुकेशन के निदेशक सुभाष गुर्जर कहते हैं कि उनके यहां 50 सीटें खाली हैं। वे दो किश्तों में फीस की सुविधा छात्रों को दे रहे हैं। सरकार ने काउंसलिंग के जरिए सीटें भरने का वादा किया था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब कॉलेज तो चलाना ही है। खाली सीटें रखकर तो अन्य खर्चे निकलेंगे नहीं।
मानिकपुर, जलेसर रोड हाथरस के एसएसएन पीजी कॉलेज ने तो तीन किश्तों में फीस जमा करने का ऑफर दिया है। कॉलेज प्रबंधक शैलेंद्र यादव बताते हैं कि उनके यहां 100 में केवल 59 सीटें भरी हैं। इसलिए हमें इस तरह के ऑफर देने पड़ रहे हैं। आगरा के सीटीई कॉलेज के प्रबंधक राजीव अत्रे तो कॉलेज ही बंद करने की बात कह रहे हैं। वैसे कई कॉलेज प्रबंधकों को अब भी उम्मीद है। वे प्रवेश परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों को फोन करके सुविधाओं की जानकारी दे रहे हैं।
साथ ही एसएमएस भी भेज रहे हैं। वे कहते हैं कि दाखिलों की उम्मीद इसलिए भी है क्योंकि अभ्यर्थी भी सीट और फीस की जानकारी ले रहे हैं।
इसलिए बदले हालात
बीएड कॉलेजों में जहां पहले दाखिले की मारामारी रहती थी। मनमानी फीस वसूलने की शिकायतें भी आती थीं। लेकिन इस साल बीएड से मोहभंग, कॉलेज में सीटें न भरने और तरह-तरह के ऑफर देने की मजबूरी की कई वजहें हैं।