FARRUKHABAD : आध्यात्मिक गुरू साकार विश्वहरी के 9 दिवसीय समागम के प्रथम दिन उमड़े श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए विश्वहरी ने कहा कि वर्तमान में युवाओं में नई ऊर्जा संचालित करने के लिए उन्हें शक्ति का ज्ञान होना अति आवश्यक है।
पटियाली के मानव सेवा साकार हरी आश्रम से आये साकार विश्व हरी व उनकी पत्नी साकार माता गुरुवार को जनपद पहुंचे। नेकपुर स्थित एक मैदान में समागम का कार्यक्रम आयोजित किया गया। साकार विश्वहरी ने मंच से तमाम सदगुरुओं को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि देश व विदेश में तमाम ऐसे सदगुरू हैं जो सिर्फ अपना उल्लू सीधा करना जानते हैं। वह अपने पास आये व्यक्ति को शिक्षा देते हैं कि पत्नी मां बाप को छोड़ दे इसके पीछे उनका एक ही मकसद है कि सामने वाले को अपना शिष्य बनाकर गुलाम बनाना और अपने को परमात्मा कहलाना।
जबकि परमात्मा कभी किसी को शिष्य नहीं बनाते। हमें अपना परिवार नहीं छोड़ना चाहिए। खेती नहीं छोड़नी चाहिए। क्योंकि जीवन जीने के लिए छत और खेत दोनो अति आवश्यक हैं। युवाओं के विषय में विश्वहरी ने कहा कि युवाओं में सत्य का संचार होना अति आवश्यक है। इसके लिए जिस तरह से कक्षा में पढ़ने के बाद परीक्षा देकर सफलता हासिल की जाती है उसी प्रकार भक्ति के संचार के लिए सदगुरू की पाठशाला में हमें जाना होगा।
[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
इस दौरान पूरा मैदान श्रद्धालुओं से भरा रहा। भीड़ हजारों की संख्या में आयी थी। तेज गर्मी व धूप के बावजूद भी श्रद्धालु पाण्डाल में बैठकर साकार विश्वहरी के सत्संग का रसास्वादन करते रहे।