लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने एक महत्वपूर्ण आदेश देते हुए प्रदेश में असलहों के लाइसेंस जारी किए जाने पर रोक लगा दी है। अदालत ने अगली सुनवाई 25 नवंबर को नियत करते हुए कहा है कि तब तक किसी को भी शस्त्र लाइसेंस जारी नहीं किया जाएगा। यह आदेश अदालत ने हर्ष फायरिंग सहित अपराधी प्रकृति के लोगों को जारी शस्त्र लाइसेंस पर पाबंदी लगाने के मामले में दिए हैं। अदालत ने इस बात को गंभीरता से लिया है कि प्रदेश में पुलिस बल से अधिक निजी लाइसेंस धारक हो जाएं।
अदालत ने राज्य सरकार से कहा है कि बताए जिनके खिलाफ आपराधिक मामले विचाराधीन हैं उनको लाइसेंस कैसे जारी हुए? अदालत ने राज्य सरकार व प्रमुख सचिव गृह से कहा है कि प्रदेश में इस आदेश का पालन किए जाने के संबंध में तत्काल सख्त निर्देश जारी करें।
न्यायमूर्ति अब्दुल मतीन व न्यायमूर्ति सुधीर कुमार सक्सेना की खंडपीठ ने यह आदेश जितेन्द्र सिंह की ओर से दायर विचाराधीन याचिका पर दिए हैं।
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सुनवाई के समय प्रमुख सचिव गृह ने हलफनामा देकर पीठ को अवगत कराया कि प्रदेश में ग्यारह लाख बाइस हजार आठ सौ चवालीस शस्त्र लाइसेंस जारी किए गए हैं। इनमें से कई लोगों के पास तीन से अधिक शस्त्र लाइसेंस हैं। अदालत ने कहा कि अगली सुनवाई पर वह सूची पेश करे जिनके पास तीन से अधिक शस्त्र लाइसेंस हैं जिनके ऊपर कार्रवाई की जाए सके। हर्ष फायरिंग तथा अपनी सुरक्षा के लिए असलहे का लाइसेंस लेकर बेजा इस्तेमाल करना एवं अपराधी प्रकृति के लोगों को लाइसेंस दिए जाने पर अदालत ने सख्त नाराजगी जाहिर की।
सुनवाई के समय पीठ को यह भी बताया गया कि 5730 लोग ऐसे हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे लंबित हैं फिर भी इनको शस्त्र लाइसेंस जारी किया गया है। 1061 लोगों के खिलाफ अनेक थानों में मामले दर्ज हैं इनको भी लाइसेंस जारी किया गया।
प्रमुख सचिव गृह के हलफनामे के मुताबिक प्रदेश में कुल 1122844 लोगों को शस्त्र लाइसेंस जारी हुए हैं। इनमें से शस्त्रों के प्रकार व संख्या इस प्रकार है।
एकनाली बंदूक – 381966
दोनाली बंदूक – 369054
रायफल – 168669
रिवाल्वर – 149065
पिस्टल- 54035
स्पोर्ट गन – 96
कारबाइन – 525
अन्य असलहे – 13882
इनमें से दो-दो लाइसेंस धारकों की संख्या 35698 है। तथा तीन-तीन लाइसेंस धारकों की संख्या 5969 है तथा 55 लोग ऐसे हैं जिनको तीन से अधिक लाइसेंस जारी किए गए हैं