सपा सरकार में बसपा नेता का जलवा: सीएमओ की औकात नहीं जो बार्ड आया से ड्यूटी करा सके

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FARRUKHABAD : समाजवादी पार्टी के नेताओं को सरकार होने के बाद भी अधिकारियों के द्वारा उनकी शिकायतें न सुनने का दर्द बना है। अक्सर सपा के मंत्रियों के सामने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को यह दुखड़ा रोते हुए देखा गया है। मजे की बात तो यह है कि सपा सरकार में भी एक बसपा नेता का राज इस तरह चल रहा है कि उसकी करीबी बार्ड आया सीएमओ व अन्य अधिकारियों के आदेश को ताक पर रखकर घूम रही है। इन सबके पीछे है बसपा नेता का हाथ। वार्ड आया का कहना है कि सीएमओ की भी औकात नहीं है जो मुखसे ड्यूटी करा सके|rajani parihar atandence

दरअसल बसपा सरकार में एक मंत्री की सिफारिश पर स्थानीय बसपा नेता ने बार्ड आया रजनी परिहार की नियुक्ति कमालगंज स्वास्थ्यकेन्द्र में बार्ड आया के पद पर करवा दी थी। यह बात पहले भी जे एन आई में प्रकाशित की जा चुकी है कि इस भर्ती पर एक याचिका भी हाईकोर्ट में लंबित है। भर्ती के दौरान तो बसपा की सरकार थी तो वार्डआया रजनी परिहार का जलवा कायम रहा। विगत लगभग दो वर्षों से सूबे में सपा की सरकार बनी और बसपा के सभी राजनैतिक मजबूत किले ढह गये मगर इस वार्डआया की आदत नहीं बदली। पूर्व की भांति अपने क्रिया कलापों में कोई बदलाव नहीं लायी। केवल हस्ताक्षर बनाकर वेतन आहरित करवा लेना इसके बाए हाथ का खेल है|

कमालगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में तैनात यह बार्ड आया रजनी परिहार चार पहिया लग्जरी गाड़ी से आकर ड्यूटी के नाम पर उपस्थित रजिस्टर पर हस्ताक्षर करके वापस चली जाती है। कई बार अधिकारियों ने छापेमार कार्यवाहियां कीं लेकिन रजनी परिहार का बाल बांका नहीं कर सके। रजनी कब केंद्र पहुचती है और कब वहां से उड़न छू हो जाती है पता नहीं?

विगत दिनों मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 राकेश कुमार ने भी अपने निरीक्षण के दौरान रजनी परिहार के फर्जी हस्ताक्षर पकड़ लिये और उन पर स्याही चला दी। जेएनआई पर खबर प्रकाशित हुई तो एसडीएम सदर राकेश पटेल लाव लश्कर के साथ कमालगंज स्वास्थ्य केन्द्र निरीक्षण करने पहुंच गये। उन्होंने भी रजनी परिहार की अनुपस्थिति पकड़ ली और तत्काल स्वास्थ्यकेन्द्र के चिकित्साधीक्षक मानसिंह को निर्देश दिये कि बार्ड आया को हटा दिया जाये।

शनिवार को निरीक्षण किया गया और सोमवार को उसे हटाने के निर्देश एसडीएम सदर ने दिये। बीच में दो दिन का समय था। इन्हीं दो दिन में बसपा नेता ने एमओआईसी मान सिंह व अधिकारियों से अपना जलवा दिखाते हुए मामले को रफादफा करने का दबाव बना दिया। वहीं मजे की बात तो यह है कि वार्डआया रजनी परिहार कब आतीं हैं और हस्ताक्षर करके कब चली जाती हैं यह कोई नहीं जानता। यहां तक कि मीडियाकर्मी भी उसके चेहरे से परिचित नहीं हो पाये।

ठेकेदार से नेता बना बसपाई करता है पैरवी-
इस वार्ड आया की नौकरी अनंत कुमार मिश्रा जब स्वास्थ्य मंत्री थे उस जमाने में लगी थी| वर्तमान में नाम न छापने की शर्त पर एक स्वास्थ्य विभाग के ऑफिसर ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग का एक ठेकेदार जो बसपा की टिकेट पर चुनाव भी लड़ चुका है इसकी पैरवी करता है| ऊपर से लेकर नीचे तक फोन करने से लेकर अन्य प्रकार के लोभ लालच भी परोसे जाते है|

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फिर रजनी परिहार के हस्ताक्षर कौन करता है। स्वास्थ्यकेन्द्र के सूत्र बताते हैं कि रजनी परिहार का हस्ताक्षर रजिस्टर एमओआईसी कक्ष में रखा जाता है और इसमें चिकित्साधीक्षक के द्वारा हस्ताक्षर करने की बात कही गयी है। हालांकि इस बात से एमओआईसी ने इंकार किया है। फिलहाल एसडीएम सदर का निर्देश वार्ड आया के सामने बौना साबित हुआ। सीएमओ भी वार्ड आया से काम करवाने में अक्षम लग रहे हैं। वहीं सपा विधायक जमालुद्दीन सिद्दीकी के द्वारा बार्ड आया रजनी परिहार के मामले में कार्यवाही करने की बात कही जा रही है।