FARRUKHABAD : बीते एक माह पूर्व लोहिया अस्पताल में भर्ती कराये गये वृद्व ने अपने पैरों पर खड़े होकर राहत की सांस ली और अपने गंतव्य के लिए निकला। इससे पहले भी जेएनआई के द्वारा लावारिश वृद्व की कराहट: स्वास्थ्य विभाग के मुहं पर तमाचा खबर प्रकाशित की जा चुकी है।
नाम पता आज तक किसी को मालूम नहीं। कहां से आया था और क्यों आया था। देखने में जर्जर काया, कानों से सुनने में अक्षम, आंखों से संसार को न देख पाने को मजबूर वृद्व को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 20 अगस्त को लोहिया अस्पताल के गेट पर पैरों में कीड़े पड़ जाने पर जेएनआई के प्रयास से भर्ती कराया गया था। वृद्व कई घंटों से लोहिया अस्पताल के गेट पर पड़ा कराह रहा था। भर्ती कराये गये वृद्व को एक माह बाद आखिर पैर में पूरी तरह से आराम मिलने पर छुट्टी दे दी गयी।
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गुरुवार को वृद्व ने जब जमीं पर कदम रखा तो उसे अनायास ही एक ऊर्जा सी मिलती दिखायी दी और वह लोहिया अस्पताल से निकलकर चला गया।