FARRUKHABAD : जनपद में स्वास्थ्य व्यवस्था डाक्टरों के अभाव में वैसे भी पंगु चल रही थी लेकिन दो दिन से लोहिया अस्पताल के डाक्टरों व कर्मचारियों द्वारा हड़ताल कर देने से दूर दराज से इलाज के लिए आने वाली जनता काफी परेशान है। लोहिया अस्पताल में दूसरे दिन हड़ताल पर बैठे डाक्टरों व कर्मचारियों ने प्रशासन से मांग की कि 24 घंटे के अंदर दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाये।
लगभग साढ़े 10 बजे लोहिया अस्पाल में हड़ताल पर बैठे डाक्टरों व कर्मचारियों को मनाने पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट प्रभुनाथ, सीएमओ राकेश कुमार, क्षेत्राधिकारी योगेन्द्र कुमार की कर्मचारियों ने एक नहीं सुनी। कर्मचारियों ने कहा कि लोहिया अस्पताल में इसी तरह आये दिन गुन्डे आकर कर्मचारियों के साथ बत्तमीजी करते हैं और सीएमओ व प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं करते।
अधिकारियों से चली लगभग एक घंटे की वार्ता के बाद सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि आप लोग जनता की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए लोहिया अस्पताल की सारी सुविधायें बहाल कर दें, जल्द ही दोषियों की गिरफ्तारी करवा ली जायेगी, कोई कोताही नहीं बरती जायेगी, जिसके लिए आप लोगों को कम से कम तीन दिन का समय देना होगा। जिस पर लोहिया अस्पताल के कर्मचारी नेता भड़क गये उन्होंने कहा कि तत्काल गिरफ्तारी की जानी चाहिए।
वहीं क्षेत्राधिकारी योगेन्द्र कुमार ने हड़ताली कर्मचारियों से कहा कि एफआईआर दर्ज हो चुकी है। अब डाक्टरों व कर्मचारियों के वयानों के आधार पर आगे की कार्यवाही की जायेगी। दोषियों की विभिन्न तरीके से पहचान कर कार्यवाही की जायेगी। डाक्टरों ने आरोप लगाया कि बीते दिन से पुलिस ने दोषियों के मोबाइल नम्बर तक ट्रेस नहीं करवा पाये हैं तो कार्यवाही कब करेगी। प्रशासन मामले को ठंडा करना चाहता है और बाद में कोई कार्यवाही नहीं करेगा।
लगभग डेढ़ घंटे तक अधिकारियों की चली वार्ता के बाद भी मामला किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा और कर्मचारियों ने धमकी दी कि यदि 24 घंटे के अंदर दोषी विकासमंच कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार नहीं किया गया तो अभी चल रहीं इमरजेंसी व पोस्टमार्टम सुविधायें भी रोक दी जायेंगी। तब तक ओपीडी की सुविधायें किसी कीमत पर शुरू नहीं होंगी। कर्मचारियों के सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जायेगा। जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट व क्षेत्राधिकारी वापस लौट गये।
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कर्मचारियों ने सीएमओ से की अकेले में वार्ता
लोहिया अस्पताल में कर्मचारियों को मनाने आये अधिकारी जब वापस जाने लगे तो इमरजेंसी गेट पर डाक्टरों व कर्मचारियों ने अकेले में वार्ता करने की बात कही। जिस पर सिटी मजिस्ट्रेट व सीएमओ कर्मचारियों से अकेले में बात करने के लिए इमरजेंसी कक्ष की तरफ जाने लगे तो कर्मचारियों ने साफ तौर पर कहा कि वह सिर्फ सीएमओ से ही अकेले में वार्ता करेंगे। जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट वहां से चले गये और कर्मचारियों ने सीएमओ से अपना सारे शिकवे शिकायतें करनी शुरू कर दीं।
कर्मचारियों ने सीएमओ से कहा कि बीते दिन शाम को सिटी मजिस्ट्रेट ने लोहिया अस्पताल में आकर उल्टे कर्मचारियों व डाक्टरों को ही हड़काया और अपराधी जैसा सलूक किया। जबकि दोषियों पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की। जिस पर सीएमओ ने कहा कि उन्होंने स्वयं जाकर एफआईआर दर्ज करवायी है। वह पूरे प्रयास में हैं कि कर्मचारियों की सभी मांगें मानी जायेंगी और उन्हे न्याय दिलाया जायेगा। जिसके बाद ओपीडी हाल में सीएमओ व डाक्टरों की बैठकर वार्ता हुई। जिसमें डाक्टरों ने उनके काम में आ रही सारी समस्यायें मुख्य चिकित्साधिकारी को बतायीं।
डाक्टरों ने मांग की कि इमरजेंसी मेडिकल के लिए उनके यहां डाक्टरों की बहुत ही कमी है। पूरे अस्पताल में मात्र 12 डाक्टरों से ही काम चलाया जा रहा है। जिस पर सीएमओ ने कहा कि 1 अक्टूबर से इमरजेंसी मेडिकल के लिए एक डाक्टर की अतिरिक्त तैनाती कर दी जायेगी।