लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव बनते बनते रह गए देश दीपक वर्मा अपनी सेवा निवृति के बाद प्रदेश के राज्य विद्युत नियामक अध्यक्ष बना दिए गए है। मायावती सरकार में प्रदेश के मुख्य सचिव की कुर्सी के करीब पहुँचने वाले देश दीपक वर्मा राजनीति के शिकार हो गए और राजस्व परिषद् के महत्वहीन पद पर बैठा दिए गए थे उसी के बाद देश दीपक वर्मा ने प्रदेश छोड़ने का फैसला लिया और केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली जा बैठे जहां से वो सेवानिवृति हो गये।
सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव से अपनी नजदीकियों का फायदा उन्हें अब मिला जब बीते एक साल से खाली चल रहे राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष पद पर उनकी नियुक्ति हुई। देश दीपक वर्मा इस पद पर तीन सालों तक बने रहेंगे। देश दीपक वर्मा से पहले राजेश अवस्थी विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष थे।
[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
राजेश अवस्थी की नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुये सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया जिसके चलते राजेश अवस्थी को इस्तीफा देना पडा। उसी के बाद से नियामक आयोग का अध्यक्ष पद खाली चल रहा था। राज्य सरकार ने नियामक आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के चयन के लिये हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश के एस राखडा की अध्यक्षता में चयन समिति का गठन किया जिसने नियामक आयोग के चयन की प्रक्रिया शुरू की है।