फर्रुखाबाद: हालात सरकारी व्यवस्था के यू हो चले है कि खुद तो सुधरेंगे नहीं और अगर किसी ने आवाज उठायी तो सरकारी ताकत का बेजा इस्तेमाल करने से बचेंगे नहीं| फर्रुखाबाद के सरकारी अस्पताल डॉ राम मनोहर लोहिया के हालात भी ऐसे ही कुछ है| सुबह की ओ पी डी में डाक्टर समय से अस्पताल में नहीं आते इसके विरोध में जब फर्रुखाबाद विकास मंच के कार्यकर्ताओ ने सोमवार सुबह सुबह मोर्चा खोल दिया| नतीजे में व्यवस्था ठीक करने की जगह सभी कर्मचारी और डॉक्टर एक हो गए और विकास मंच के कार्यकर्ताओ को पीटने के लिए लाठी निकाल लाये| और मंच के कार्यकर्ताओ के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा का मुकदमा लिखा दिया| इसके बाद सैकड़ो की संख्या में मंच के कार्यकर्ताओ ने अपर जिलाधिकारी को लोहिया अस्पताल के हालात से लिखित अवगत कराया| अपर जिलाधिकारी अलोक कुमार ने लोहिया अस्पताल की व्यवस्था को सही कराने का आश्वासन दिया है|
ओ पी डी में ताला डाल कर डी हड़ताल, मरीज बेहाल-
सरकारी स्वास्थ्य विभाग को सुधारने के लिए फर्रुखाबाद विकास मंच ने मोर्चा खोल दिया है| शनिवार को भी लोहिया अस्पताल में सुबह 9.30 बजे तक ओ पी डी में कोई डॉक्टर नहीं बैठा था| सी एम् एस से लेकर डॉक्टर और उनके अधीनस्थ कर्मचारी एक राय होकर इस सरकारी अस्पताल को अपना निजी अस्पताल मान कर चला रहे है| आये दिन मीडिया में छप रही खबरे और जनता की शिकायते इसकी गवाह है| मगर जिन जिम्मेदार अधिकारिओ के कंधो पर जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाए देने की जिम्मेदारी है वे न केवल अपने दायित्वों का निर्बहन करने में फेल हो रहे है वरन व्यवस्था में गड़बड़ी करने वालो को संरक्षण देते मालूम पड़ते है|
मीडिया में छपाने को स्वास्थ्य कर्मियों ने खुद अपना फर्नीचर और फ़ाइल इधर उधर फेका-
सोमवार सुबह एक मरीज की शिकायत पर मंच के कार्यकर्ता लोहिया अस्पताल की ओ पी डी पहुचे और डॉक्टर के समय से ओ पी डी में न बैठने के खिलाफ नारेबाजी करने लगे| इसके बाद पुलिस आ गयी| लोहिया अस्पताल के कर्मचारी डाक्टर्स की ढाल बनकर आगे खड़े हो गए और लाठी डंडा भी निकाल लाये| इसके बाद मंच के कार्यकर्ता वापस चले आये| मीडिया में दर्शाने और मंच के कार्यकर्ताओ के खिलाफ मुकदमा लिखाने के लिए अपने दफ्तर की फाइल तितर बितर की कुछ कुर्सिया नीचे फेकी और फोटो सेशन कराया| इसके बाद मंच के कार्यकर्ताओ के खिलाफ कोतवाली में सरकारी कार्य में बाधा पहुचाने की तहरीर दी|
ओ पी डी में समय से नहीं बैठते डॉक्टर्स-
इसके बाद मंच के कार्यकर्ताओ ने जिलाधिकारी को सम्बोधित लोहिया अस्पताल की दुर्व्यवस्था और डॉक्टर्स के समय से ओ पी डी में न बैठने को लेकर एक शिकायती ज्ञापन तैयार कराया और मंच के एक सैकड़ा कार्यकर्ता इक्कठे होकर जिलाधिकारी को ज्ञापन देने कोल्लेक्ट्रेट पहुचे| जहाँ जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में अपर जिलाधिकारी अलोक कुमार को ज्ञापन सौपा|
मंच के जिलाध्यक्ष मोहन अग्रवाल ने बताया कि किसी मरीज का फोन आया था कि डॉक्टर ९ बजने के बाद भी ओ पी डी में नहीं पहुचे है| गाँव से दूर दराज से मरीज इलाज कराने आता है मगर डॉक्टर निर्धारित समय से काफी देर बाद अस्पताल आते है और बंद होने के काफी पहले चले जाते है| ऐसी स्थिति में मरीज इनके घरो पर या आस पास के मेडिकल की दुकानों या निजी नर्सिंग होम्स जहाँ ये डॉक्टर पार्ट टाइम प्राइवेट प्रक्टिस करते है वहां जाने को मजबूर होता है| दबाई बचती है उसे फार्मासिस्ट बेचते है| सफाई वाला सफाई नहीं करता उसके बदले में डॉक्टर अपनी ड्यूटी से नदारद रहते है| यानि कर्मचारी जो जहाँ तैनात है वहां कामचोरी कर रहा है और जनता के उखड़ने पर एक दूसरे को मदद कर रहा है|
डॉक्टर और कर्मचारी ने मिलकर ओ पी डी में ताला डाल दिया और हड़ताल कर दी| बेचारे दूर दराज से आये मरीज भटकते रहे| मगर इन डॉक्टर और कर्मचारी पर कोई असर नहीं पड़ा| भूल गए कि इन्ही जनता के टैक्स के पैसे से इनके घरो का चूल्हा जलता है|
जिले के कई सामाजिक संगठन हुए एकजुट, मंत्री तक शिकायत की तैयारी-
दूसरी तरफ नगर के संगठनो ने मंच के समर्थन में और लोहिया अस्पताल की दुर्व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाने के लिए एकजुट होने की बात की है| अपर जिलाधिकारी ने भी मंच को व्यवस्था दुरुस्त कराने का भरोसा दिलाया है| इस बार ये लड़ाई आर पार की लगती है| अगर कई सन्गठन एकजुट हो गए तो सरकारी कामचोरो को भारी मुश्किल हो सकती है| अब देखना यह है कि कल मंगलवार को डॉक्टर समय से ओ पी डी में बैठते है या फिर मनमानी करने में कामयाब रहते है| प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन को भी मामले की जानकारी भेजी जा रही है|
उधर मोहन अग्रवाल और राहुल जैन ने बताया कि वे लोकतान्त्रिक तरीके से सी एम् एस से व्यवस्था में सुधार करने और डॉक्टर्स को घर से समय से ओ पी डी तक आने की बात करने गए थे| यही बात इन लोगो को खल गयी| डॉक्टर और कर्मचारी सुधरने को तैयार नहीं है और सी एम् एस भी ऐसा ही चाहते है| इसलिए जनता की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है मगर अब ऐसा चलने नहीं दिया जायेगा| अगर व्यवस्था नहीं सुधरी और टेंट लगाकर आमरण अनशन भी होगा जिसमे सैकड़ो नहीं हजारो की संख्या की भागीदारी होगी| हम जनता की भलाई के लिए मांग कर रहे है| और ये जनता के पैसे से वेतन पाने वाले जनता की सेवा करने की जगह लूट मचाये है|
[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]