फर्रुखाबाद: दिल्ली से लेकर फर्रुखाबाद तक भाजपा के संगठन को चुस्त दुरुस्त और अनुशासित करने की कार्यवाही और बैठके आयोजित की जा रही है| भाजपा के कानपुर प्रान्त के क्षेत्रीय अध्यक्ष बालकृष्ण मिश्र दो दिवसीय मैराथन बैठक कर सब कुछ सम्भालने का प्रयास कर रहे है| मगर टिकेट के दावेदारों पर उनके दिशा निर्देश कितने प्रभावशाली हो पाएंगे यह कहना मुश्किल है| श्री मिश्र ने बैठको में टाकीत किया कि कोई भी टिकेट का दावेदार खुद को भाजपा प्रत्याशी बताकर जनसम्पर्क न करे| किसी भी पार्टी कार्यकर्ता को लोभ लालच टिकेट की पैरवी के लिए न दे| पार्टी शार्टी और गिफ्ट शिफ्ट से दूर रहे| और ऐसा कर रहा है तो शिकायत सीधे उनसे करे| एक भाजपा के पुराने नेता ने धीरे से चुटकी ली| शिकायत कर भी दी तो क्या कर लोगे? मुकेश की शिकायत पर क्या हुआ? सब ने देख लिया? सुशील का क्या बिगड़ा? सवाल ये है कि कुछ करने की हिम्मत किसी में नहीं|
इसी बीच बैनर पोस्टर होल्डिंग्स खूब लगे| मोदी के साथ फोटो बनाकर उनके भी फेसबुक पर डाल माहौल बनाया गया| जो खुद को टिकेट के आवेदक नहीं कबूलते मगर टिकेट के लिए लाबिंग लखनऊ दिल्ली में खूब करते है| उन जनाब ने माहौल इतना बना दिया कि जब लखनऊ से फर्रुखाबाद के कार्यकर्ताओ से फोन पर सम्भावित प्रत्याशियो के नाम वरीयता क्रम में पूछे गए तो 6 नामो में उनका भी नाम शामिल हो चुका था| फेसबुक से लेकर दाल बाटी और मैडम के गिफ्ट तक में दावेदार छाये हुए है|
खैर राजनीति है भी इसी का नाम| कुटिल चालो से शतरंज की बिसात पर जो दुश्मन को भ्रमित न कर सके उसे राजनीति करनी भी नहीं चाहिए| इधर एक नया नया फोटो बहुत चर्चा में है| फेसबुक पर फर्रुखाबाद विकास मंच के अकाउंट पर मुकेश को भाजपा प्रत्याशी दिखाकर सर्वे कराया जा रहा है| इसमें कांग्रेस के सलमान खुर्शीद, भाजपा से मुकेश राजपूत, सपा से रामेश्वर यादव और बसपा से जयवीर सिंह का फोटो और पार्टी चिन्ह लगाकर जनता से ओपिनियन पोल कराया जा रहा है| फर्रुखाबाद विकास मंच के करता धर्ता मोहन अग्रवाल और मुकेश राजपूत भाजपा में विलय हो चुकी जन क्रांति पार्टी से एक साथ चुनाव लड़ चुके है| पार्टी विलायत के बाद मोहन किसी भी पार्टी में नहीं गए| फर्रुखाबाद विकास मंच पर मुकेश के समर्थन में यह पोस्टर साफ़ दिखाई दे रहा है जबकि भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष बालकृष्ण मिश्र ने साफ़ चेतावनी दे है कि अगर किसी भी टिकेट के दावेदार ने खुद को प्रत्याशी घोषित किया तो वो खुद को टिकेट की लाइन से बाहर माने| फिलहाल मोहन अग्रवाल ने कहा कि उनका मंच सामाजिक मंच है, राजनीति से कोई लेना देना नहीं है| जब उनसे कहा गया कि अभी तो भाजपा प्रत्याशी घोषित नहीं तो उन्होंने कहा कि ये सिम्बल है| रिक्त स्थान रखकर या कमल का फूल लगाकर भी सर्वे हो सकता था इस पर ख़ामोशी लाजिमी थी| ये फोटो उन्होंने लोड किया ये बाद उन्होंने कबूली है| अब खुद देखिये उसी फेसबुक पोस्ट पर पड़े कुछ कमेंट-
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Kuldeep Dubey Gentleman BJP has not yet declared its Candidate………
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Mohan Agarwal Kuldeep Dubey ji kya mukesh ji se koi problem hai app ko,, kyu ki ap ke liye to apki party important hai shyad mukesh ji app ko pasand nahi,, but unse majboot koi candidate BJP ke pass nahi
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Abvp Fatehgarh Mai aap ko bata dena chahta hu ki bjp ne apna pratyasi abhi ghosit bhi nhi kiya h or ha jin logo ko ye lag raha h ki mukesh ki teket fainal h to taja jankari k anusar janpad k 24 bjp mandal adhyaksho ki shikayat or jile k rajputo ( lodhi) k virodh k baad 1st pogition par mithalesh agrawal aa chuki h yani agar jile me teket mili to wo mithlesh ya mejor me se koi hoga.
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Pankaj Yadav Ye hindu hindu modi modi gane wale hi salman khursid ko vot dete hai. Jab inhe. C..D me jitata dikhega to A. me chale jaege pichala election yad karo
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Aman Kumar Pal rameswar singh yadavMohan Agarwal हम सब युवा फर्रुखाबाद के हितों की लड़ाई खुद लड़ेंगे यहाँ के सभी दलों के नेता सिर्फ चुनाव के दौरान अपने घोसले से बाहर आते है । विगत वर्षों में जनपद में लेखपाल से लेकर आला अधिकारीयों के भ्रष्टाचार के खिलाफ किस नेता ने आवाज़ उठाई ? वर्तमान सांसद अगर काम नहीं कर रहा था तो किस दल के लोगों ने उसका घेराव किया ?? हमारी बिजली पानी की लड़ाई लड़ने का होश किसी को नहीं था आज चुनाव पास आ रहे है तो सभी को जनता की याद आ रही है| जनता मुर्ख नहीं है नेता जी वो सब समझती है | हमारे जनपद में 1 आय प्रमाणपत्र बनवाने से लेकर 1 शस्त्र लाइसेंस बनवाने तक आम आदमी को अपनी जेब से पैसा ढीला करना पड़ता है ,, जनता के वोट से MP, MLA , नगरपालिका अध्यक्ष बन ने वाले लोग पद मिलने के बाद अपने ठेकेदारों के साथ मस्त हो जाते है और शहर की जनता फिर 5 साल तक केवल इंतजार करती है ,, स्कूल से लेकर कोटेदार तक 100 मुद्दे ऐसे है जिन के लिए आम आदमी खून के आंसू रोता है पर नतीजा शुन्य रहता है | हम सब को जागना होगा अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी जब हम बदलेंगे तो व्यवस्था परिवर्तन हर हाल में होगा | हम लोगों ने देश की आज़ादी की लड़ाई खुद लड़ी थी हमे किसी राजनैतिक दल ने आजाद नहीं कराया था | आज हमारी समस्या “भ्रष्टाचार” है जिसके माता पिता नेताजी और सरकारी अधिकारी है तो हम इनसे कैसे उम्मीद कर सकते है | हम को अपने अधिकार भीख में नहीं चाहिए आज देश की 63% आबादी युवा है हम सब मिल कर इस लड़ाई को लड़ेंगे और मजबूर कर देंगे इन बेईमानो को की वो बदलना पड़ेगा |
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