मुज्जफरपुर दंगा: रशीद सिद्दीकी की गिरफ़्तारी को लेकर पशोपेश में अखिलेश

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Akhileshमुजफ्फरनगर दंगों के मामले में सुरेश राणा, संगीत सोम और नूर सलीम राणा की गिरफ्तारी के बाद अब क्या सपा नेता राशिद सिद्दीकी पर भी कोई कार्रवाई होगी? ये चर्चा ‌इस वक्त उत्तर प्रदेश के सियासी हलकों में काफी गर्म है। दरअसल, जिन महापंचायतों की फुटेज देखकर भाजपा और बाकी दलों के नेताओं को नामजद किया गया था उनमें एक पंचायत में राशिद सिद्दीकी भी नजर आए थे।

इसके बावजूद पुलिस ने राशिद सिद्दीकी के खिलाफ कोई रिपोर्ट नहीं दर्ज की। दरअसल मुजफ्फरनगर दंगो में जब सियासी लोगों पर कार्रवाई की बात आई तो शुरुआत में पुलिस प्रशासन की कार्रवाई भाजपा नेताओं तक सिमटी दिखाई दी। विधानसभा सत्र के दौरान भी पुलिस सिर्फ भाजपा विधायकों की गिरफ्तारी के लिए ही प्रयास कर रही थी। जबकि दंगे भड़काने के मामले में बसपा, कांग्रेस और रालोद के नेताओं समेत अन्य प्रभावशाली लोग नामजद हैं।

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पुलिस ने शुक्रवार को पहली सियासी गिरफ्तारी के रूप में शामली के भवन इलाके के भाजपा विधायक सुरेश राणा को गिरफ्तार किया। इसके बाद शनिवार की सुबह सरधना के भाजपा विधायक संगीत सोम ने सरेंडर कर दिया। इन दो गिरफ्तारियों के बाद सवाल उठने लगा कि क्या पुलिस की कार्रवाई भाजपा नेताओं तक ही सिमट गई है।

कुछ घंटो बाद ही पुलिस ने बसपा नेता नूर सलीम राणा को भी गिरफ्तार कर लिया। लेकिन सियासी हलकों में इसके बाद एक और ही चर्चा शुरू हो गई कि आखिर पुलिस सपा नेता राशिद सिद्दीकी पर कार्रवाई से क्यों कतरा रही है।

जबकि उनका भी एक महापंचायत में भड़काऊ भाषण देते हुए फुटेज सामने आया था। क्या पुलिस सिर्फ इसलिए सपा नेता राशिद सिद्दीकी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने से कतरा रही हैकि वह सत्तारूढ़ दल से जुड़े हुए हैं। या उन पर कार्रवाई न करने के लिए ऊपर से कहा गया है।

इन पर दर्ज हैं मुकदमे
भाजपा विधायक हुकुम सिंह, संगीत सोम और भारतेंदु सिंह के अलावा बसपा सांसद कादिर राणा, कांग्रेस के पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक, सईदुज्जमा, बसपा विधायक नूर सलीम व जमील अहमद, भाकियू के राकेश टिकैत, नरेश टिकैत, रालोद के अजीत राठी, अशोक कंसल, सोहनवीर सिंह, प्रदीप बालियान समेत 40 से अधिक लोग नामजद हैं।