वीके सिंह और मोदी में पैक्ट! संतोष भारतीय को भी मिल सकता है भाजपा का टिकेट?

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VK-Singh-with-Modiफर्रुखाबाद: नए जमाने की दुनिया में जब तकनीक ने पूरी दुनिया को एक ग्लोबल विलेज बना दिया है तब ऐसे दौर में ताज़ी खबरे भी “न्यू मीडिया” ही पूरी दुनिया में देता है| चौबीस घंटे में एक बार छपने वाली खबरे बासी हो चुकी होती है जब तक समाचार पत्र हाथो में पहुचता है| अब देखिये दिल्ली की एक मीडिया वेबसाइट पर अन्ना और वी के सिंह से जुडी एक खबर निकली| सम्बन्ध फर्रुखाबाद से भी जुड़ा है| संतोष भारतीय जिन्हें अभी कुछ महीनो पहले अन्ना के साथ देश यात्रा पर देखा गया था| इस खबर में एक पात्र है| इस वेबसाइट पर खबर है कि वी के सिंह और मोदी के बीच कोई पैक्ट हो गया है| और टिकेट भी वी के सिंह और संतोष भारतीय दोनों को भाजपा का मिल सकता है|

अन्ना यात्रा के फटे नुचे बैनर पोस्टर जिसमे संतोष भारतीय की तस्वीर छपी थी जो अभी भी कहीं कहीं गालिओ पार्को की दीवारों पर अवशेष के रूप में मौजूद है| उसे देख राजनैतिक एहसास तो तभी हो रहा था| भले ही अन्ना जैसे प्रख्यात समाजसेवी राजनीती न करने की बात करते रहे मगर संतोष भारतीय पर तब भी फर्रुखाबाद के लोग भरोसा नहीं कर रहे थे| जब लोग अपना प्रेशर कम करने के लिए किसी दीवार का सहारा लेते है तो ये पोस्टर दिख जाते है| फिलहाल आज चर्चा शुरू हुई है तो कल को कुछ पुख्ता खबर भी आ सकती है| मगर संतोष भारतीय को भाजपा से टिकेट मिला तो उनका क्या होगा तो टिकेट के लिए फर्रुखाबाद से लखनऊ दिल्ली एक किये हुए है?

पढ़िये दिल्ली से मीडिया दरबार वेबसाइट पर छपी एक खबर-

पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह ने अन्ना हजारे के साथ अमेंरिका यात्रा से लौटते ही अन्ना की पीठ में खंज़र भोंक दिया और नरेन्द्र मोदी का दामन थाम लिया. अंदरखाने की ख़बरों के अनुसार वीके सिंह और मोदी में पेक्ट हुआ है कि अगले लोकसभा चुनावों में वीके सिंह और उनके पत्रकार साथी संतोष भारतीय को भाजपा का टिकट देगें तथा मोदी के प्रधानमंत्री बनने की स्थिति में वीके सिंह को रक्षामंत्री बनाया जायेगा|

गौरतलब है कि पत्रकार संतोष भारतीय ही वीके सिंह को अन्ना हजारे के पास ले गए थे| इसके बाद से वीके सिंह और संतोष भारतीय ही अन्ना हजारे के खास म खास सलाहकार बने हुए थे| यहाँ तक कि अमेरिका में हर साल होने वाली इंडियन डे परेड में भी वीके सिंह और संतोष भारतीय अन्ना हजारे के साथ गए थे| इसके बाद कई दिनों की अमेरिका यात्रा के दौरान अन्ना के जनलोकपाल आन्दोलन के नाम पर भी इस जुगलजोड़ी ने गुप-चुप में बहुत सारा चंदा भी इकट्ठा किया और अन्ना को इसकी भनक भी नहीं लगने दी गई|

हालाँकि अन्ना हजारे के कुछ खास समर्थकों को सितम्बर की शुरुआत में ही इस डील की भनक लग गई थी और जनलोकपाल आन्दोलन के प्रमुख कार्यकर्त्ता और अन्ना समर्थक किरण एस पटनायक ने नौ सितम्बर को ही अपनी फेसबुक वाल पर वीके सिंह को चेतावनी दी थी कि “वीके सिंह सहित अन्ना के कोई भी प्रमुख सहयोगी किसी दल या राजनेता के साथ किसी मंच या कार्यक्रम में हिस्सा न लें. वीके सिंह या कोई भी प्रमुख सहयोगी किसी दल या राजनेता के साथ खुले में या गुप्त रूप से सांठगांठ न करें|”

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मगर वीके सिंह पर इस चेतावनी का कोई असर नहीं हुआ और वीके सिंह डील के मुताबिक भाजपा द्वारा रेवाड़ी में आयोजित पूर्व सैनिकों की रैली में नरेन्द्र मोदी के साथ मंच साझा करने पहुँच गए और अन्ना हजारे के जनलोकपाल आन्दोलन के ताबूत में आखिरी कील ठोक दी|

अन्ना हजारे समर्थकों में वीके सिंह की इस हरकत को लेकर भारी रोष है| अन्ना के कुछ खास समर्थक तो वीके सिंह को गद्दार और धोखेबाज़ जैसी उपाधियों से अलंकृत कर रहे हैं| किरण एस पटनायक कहते हैं कि निश्छल अन्ना हजारे की पीठ में खंजर भोंकने वाले गद्दार वीके सिंह को जीतने नहीं देगें| वीके सिंह और संतोष भारतीय जहाँ से भी चुनाव लड़ेगें, अन्ना समर्थक उस इलाके में जा कर वहां के मतदाताओं को इन दोनों की असलियत से अवगत करवाएगें|