विरोध के बीच अखिलेश यादव ने लगाया मरहम

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AkhileshYadavलखनऊ। शामली और मुजफ्फरनगर में दंगा पीड़ितों से मिलने के बाद रविवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि यह दुर्घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। पर इसकी तुलना गोधरा कांड से करना गलत है। कहा कि मृतकों के एक-एक परिजन को नौकरी, दस-दस लाख रुपये, पीड़ितों के नुकसान की भरपाई और विस्थापितों में विश्वास जगाकर उनकी घर वापसी कराई जाएगी।

पुलिस लाइन में पत्रकारों से मुख्यमंत्री ने कहा कि दंगे में कुल 48 लोग मारे गए हैं, जिनमें 43 मुजफ्फरनगर जिले के हैं, बाकी आसपास के जिलों के। उन्होंने कहा कि सभी मृतकों के एक-एक परिजन को सरकारी नौकरी और 10-10 लाख रुपये की धनराशि दी जाएगी। जिनके मकानों में तोड़फोड़ या आगजनी की गई है, उन्हें लोहिया आवास योजना या अन्य किसी योजना के तहत लाभ दिया जाएगा, ताकि वह अपने मकानों की मरम्मत करा सकें।

अखिलेश यादव ने दावा किया कि विस्थापितों के मन में सुरक्षा का विश्वास जगाकर उन्हें गांव वापस लाया जाएगा। इसके लिए उन्होंने आम जनता से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि हिंदू-मुस्लिम आपस की खाई को पाटकर सौहार्द बनाए रखें और अफवाहों पर ध्यान न दें।

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उन्होंने कहा कि जिन्होंने जिले का माहौल खराब किया है, वह चाहे कितनी पहुंच वाले क्यों न हों, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। शासन से पुलिस और प्रशासन के हाथ बंधे होने के सवाल पर कहा कि दोनों को पूरी छूट थी, लेकिन इन्होंने तत्परता से कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि अगर सख्त तेवर से प्रदेश सरकार पीछे हटती तो एक ही दिन में वह जिले में सेना नहीं भेज देती। घटना के पीछे किसका हाथ है पूछने पर कहा कि सभी लोग जानते हैं कि कौन लोग शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के सियालकोट की वीडियो क्लिप इंटरनेट पर अपलोड कर उसे कवाल का बताने वालों ने देशद्रोह का काम किया है। भाजपा विधायक संगीत सोम का नाम लिए बिना कहा कि ऐसे लोगों पर रासुका लगाई जाएगी। कहा कि पूरे प्रकरण में बाहर के लोगों के हाथ होने का मामला प्रकाश में आ रहा है।

अखिलेश यादव ने स्पष्ट किया कि उनका मेरे यहां आने का कार्यक्रम सोमवार को प्रधानमंत्री के आने की वजह से नहीं बनाया गया। मुझे जब भी मौका मिलेगा, आता रहूंगा। इससे पहले मुख्यमंत्री ने कवाल गांव में जाकर शाहनवाज, मलिकपुरा गांव जाकर सचिन और गौरव तथा नगर स्थित पत्रकार राजेश वर्मा के घर जाकर परिजनों को सांत्वना दी। कवाल में समस्या न सुनने पर आक्रोशित जनता ने मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाए और अखिलेश मुर्दाबाद व आजम जिंदाबाद के नारे लगाए। लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए मुख्यमंत्री ने बसी कलां और कुटुबा-कुटबी के साथ ही शामली जिले के कांधला में जाकर पीड़ितों का हाल-चाल जाना। मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी और नगर विकास राज्यमंत्री चितरंजन स्वरूप समेत स्थानीय नेता रहे।