मुजफ्फरनगर की सांप्रदायिक हिंसा रोकने में नाकाम पाए गए वहां के तत्कालीन एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। यह आदेश रविवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा मुजफ्फरनगर का दौरा शुरू करने के कुछ देर बाद ही जारी हो गए थे। सुभाष दुबे के निलंबन की गृह विभाग के अधिकारियों ने औपचारिक पुष्टि की है।
गृह सचिव कमल सक्सेना ने कहा कि सुभाष दुबे दंगा रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई न कर पाने के दोषी पाए गए हैं। इसी आरोप में उन्हें निलंबित किया गया है।
इस दौरान उनके खिलाफ विभागीय जांच जारी रहेगी। अधिकारियों ने दावा किया कि मुजफ्फरनगर में हालात सामान्य हैं। किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं हुई है।
[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
सुभाष दुबे को मुजफ्फरनगर में 27 अगस्त को तैनाती दी गई थी। कवाल गांव की घटना के बाद वहां की कप्तान मंजिल सैनी को हटा कर सुभाष दुबे को उनकी जगह तैनाती दी गई थी।
सीधी भर्ती के आईपीएस सुभाष दुबे की दो महीने के दौरान यह चौथी तैनाती थी। वह आगरा के एसएसपी पद से हटा कर डीजीपी मुख्यालय से संबद्ध किए गए थे।
इसके बाद उन्हें इलाहाबाद का एसएसपी बनाकर भेजने के आदेश जारी हुए। लेकिन इन आदेशों को तीन दिन बाद ही संशोधित कर दिया गया और सुभाष दुबे एक बार फिर डीजीपी मुख्यालय से संबद्ध कर दिए गए थे।
विहिप के 84 कोसी परिक्रमा के मौके पर पुलिस प्रशासन द्वारा की गई रोकथाम की तैयारी और इसके लिए डीजीपी मुख्यालय के नियंत्रण कक्ष की अहमियत देखते हुए उसका प्रभार आला अफसरों को सौंपा गया था।
रात के समय डीजीपी कंट्रोल की कमान सुभाष दुबे के हाथ में रहती थी। इसी दौरान उन्हें मुजफ्फरनगर का कप्तान बनाया गया था।
दंगे के कुछ दिन बाद उन्हें वहां से हटा दिया गया और रविवार को निलंबित कर दिया गया। यह पूछने पर कि दंगे रोकने में नाकाम अधिकारियों की जानकारी उसी दिन क्यों सामने आई जब मुख्यमंत्री मौके पर पहुंचे, अधिकारियों ने इस बाबत चुप्पी साधे रखी।
जारी है उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई
इस बीच उपद्रव करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला जारी है। आईजी कानून-व्यवस्था आरके विश्वकर्मा ने बताया कि हिंसा के मामले में अब तक कुल 66 मुकदमे दर्ज हुए हैं जिनसे संबंधित 188 को गिरफ्तार किया जा चुका है।
ऐसे ही शांति भंग की आशंका में 11619 लोगों के खिलाफ 1107/116 में चालानी रिपोर्ट दी जा चुकी है, जबकि 1918 लोगों को 151 के तहत गिरफ्तार किया गया।
इसके अलावा आठ लोगों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की गई है जिसमें से चार पर इसे तामील भी किया जा चुका है। जिले में अब तक 2023 शस्त्र लाइसेंस निरस्त किए जा चुके हैं और 1604 लोगों के असलहे थाने में जमा कराए गए।