दंगा पीड़ितों से मिले बिना लौटे अखिलेश यादव

Uncategorized

AkhileshYadavलखनऊ। दंगे के 10 दिन बाद आज अखिलेश यादव तय समय से ढाई घंटे देरी से मुजफ्फरनगर पहुंचे। मुजफ्फरनगर के दौरे पर आए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जैसे ही कवाल गांव पहुंचे उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई। माना जा रहा था कि अखिलेश यादव दंगा पीड़ितों और गांववालों से मिलेंगे। लेकिन लोगों का आरोप है कि नारेबाजी से नाराज अखिलेश यादव गांव के लोगों से मिलने की बजाय समाजवादी पार्टी के नेताओं से मिलकर वहां से निकल गए।

बमुश्किल अखिलेश यादव 8 मिनट इस गांव में रुके, इतना ही नहीं इस दौरान उन्हें दंगा पीड़ितों से नहीं मिलने दिया गया। मुख्यमंत्री पूरे समय अपने नेताओं से ही घिरे रहे, ऐसे में सवाल ये कि अगर दंगा पीड़ितों से मिलना नहीं था तो अखिलेश यादव यहां आए ही क्यों थे। माना जा रहा था कि अखिलेश यहां दंगा पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाएंगे। लेकिन मुजफ्फरनगर पहुंचे अखिलेश यादव ने ऐसा कुछ नहीं किया अखिलेश का ये दौरा दंगा पीड़ितों के लिए मरहम तो किसी तरह से नहीं किया जा सकता। अखिलेश यादव आए भी और मिले भी नहीं।

[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
मुजफ्फरनगर पहुंचते ही अखिलेश यादव ने दंगा के दौरान एसएसपी रहे सुभाष दुबे को सस्पेंड कर विभागीय जांच के आदेश दे दिए। एसएसपी पर दंगा रोकने के लिए पर्याप्त कार्रवाई नहीं करने का आरोप है। इसके अलावा मुख्यमंत्री हिंसा में मारे गए आईबीएन7 पत्रकार राजेश वर्मा के परिवार से भी मुलाकात करेंगे। वैसे तो मुजफ्फरनगर शांत है लेकिन गांवों में अभी भी तनाव है। कल शामली के एक गांव में चारा लेने खेतों में गए एक समुदाय के किसानों पर दूसरे पक्ष के लोगों ने हमला कर दिया। इस हमले में खेतों में काम कर रहे चार किसान गोली लगने से घायल हो गए हैं। इस झड़प के बाद इलाके में भारी पुलिसबल तैनात कर दिया गया।