FARRUKHABAD : मातृ शिशु कल्याण महिला कर्मचारी संघ नें जिलाध्यक्ष नारायणी देबी के नेत्रत्व में अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर फतेहगढ़ स्थित मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में धरना दिया और स्वास्थ्य सचिव एवं महानिदेशक परिवार कल्याण लखनऊ को सम्वोधित एक ज्ञापन मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ० राकेश कु मार को सौंपा।
ज्ञापन में मांग की गयी है कि 27 जुलाई 2012 को शासनादेश द्वारा जारी पदोन्ति वेतनमान के शासनादेश के विरूद्घ परिवार कल्याण निदेशालय से जारी भ्रामक, तथ्यहीन टिप्पणी को अमान्य किया जाये। जारी शासनादेश के अन्र्तगत दिये गये निर्देशों को जनपदों में लिपिक वर्ग द्वारा तरह तरह से परिभाषित करके महिलाओं को उक्त वेतनमान देने में अड़चने उत्पन्न की जा रहीं हैं जबकि 1991 से सेवारत महिला कर्मियों को 1991 के बाद 14 से 16 वर्ष की सेवा पूर्ण करने बाली महिला कर्मियों को शासपादेश के अन्र्तगत मिलने बाला लाभ उक्त तिथि से ही मिलना चाहिये। स्वास्थ्या कार्यकर्ता पुरूष की भांति 10 वर्ष की सेवा के बाद स्वास्थ्य कार्यकर्ता महिला को भी तत्क ाल स्वास्थ्य परिवेक्षक महिला के पद पर पदोन्नत किया जाये। स्वास्थ्य निरीक्षिका जिन्होने पीएचएन के पद का प्रशिक्षण प्राप्त किया है उक्त पद पर स्वास्थ्य निरीक्षिका को पदोन्नति देकर शासन नें स्वास्थ्य परिवेक्षक महिला की पदोन्नति का मार्ग प्रशस्त कर दिया है पर उक्त पद का वेतनमान नहीं दिया जा रहा है। स्वास्थ्य परिवेक्षक महिला का पदनाम व्लाक महिला स्वास्थ्य अधिकारी तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ता महिला का पदनाम महिला स्वास्थ्य अधिकारी किया जाये।
[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य परिवेक्षक का निश्चित यात्रा भत्ता 500 रूपये से वढ़ाकर 1000 रूपये किया जाये। 5000 की जनसंख्या पर उपकेन्द्र वनाकर महिला स्वास्थ्य कर्ता नियुक्त किये जायें। स्वास्थ्य कार्यकर्ता व स्वास्थ्य परिवेक्षक महिला का प्रमाणित ड्यूटी लिस्ट संघ को उपलब्ध कराई जाये। जननी सुरक्षा योजना के अन्र्तगत अन्टाइड फंड एवं ग्रामीण स्वच्छता समिति के अन्र्तगत स्वास्थ्य कार्यकर्ता महिला एवं ग्राम प्रधान का संयुक्त खाता न खोलकर प्रभारी चिकितसाधिकारी व अधीक्षक के साथ संयुक्त खाता खुलवाया जाये। महिला स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र वनाये जाने के कारण उनके समक्ष अनेकों प्रकार की कठिनाइयां उत्पन्न हो रही हैं इसलिये महिला कर्मियों द्वारा जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाये जाने पर तत्काल रोक लगाते हुये पूर्व व्यवस्था लागू की जाये। कार्यरत महिला कर्मियों को 1996 से मिलने बाले एरियर का जिन जनपदों में भुगतान नहीं किया गया है तत्काल भुगतान किया जाये।