मुजफ्फरनगर:अब तक 48 की मौत, पसरा है तनाव

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mujjafarnagar1मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में आज कर्फ्यू का पांचवां दिन है। अब तक हिंसा में 48 लोग मारे जा चुके हैं। मुजफ्फरनगर में 42, बागपत में 4, शामली-सहारनपुर में एक-एक की मौत हुई है। हालांकि मंगलवार को मुजफ्फरनगर और आस पास हालात बेहतर रहे, लेकिन कर्फ्यू के चलते लोग बेहद परेशान हैं और रोजमर्रा की चीजें मिलने में दिक्कतें होने लगी हैं। इस बीच समाजवादी पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आज से आगरा में शुरू हो रही है।

सेना और सुरक्षा बलों की मौजूदगी से मुजफ्फरनगर भले ही शांत दिख रहा हो पर सतह के नीचे अब भी खासा तनाव है। खूनखराबा आसपास के पांच जिलों तक फैला था इसलिए मरने वालों की तादाद बढ़कर 48 तक पहुंच गईं। 42 लोग तो अकेले मुजफ्फरनगर में ही मारे गए। अब तक डेढ़ हजार से भी ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

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सड़क पर सेना और हर तरफ मरघट की खामोशी, ज्यादातर वक्त इस सन्नाटे को सुरक्षा बलों से लदी गाड़ियां ही तोड़ती हैं। लेकिन इस सन्नाटे में रह रह कर अफवाहों की फुसफुसाहट माहौल को और संगीन बना रही है। 7 सितंबर को भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बाद अभी तक शहर और गांवों की फिजा में तनाव बरकरार है। मरने वालों की संख्या हर रोज बढ़ रही है। अभी तक गिनती सिर्फ मुजफ्फरनगर तक थी। लेकिन मेरठ, बागपत, हापुड़, सहारनपुर और शामली से भी झड़प और मौत की खबरें आईं।

सेना लगातार हिंसा ग्रस्त इलाकों में गश्त कर रही है। मुजफ्फरनगर के बाद शामली इलाके में तनाव लगातार बढ़ने की खबरें आ रही हैं। इसिलिए प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए शामली में 9 कंपनियां, बागपत में 5, और मेरठ में सुरक्षा बलों की 2 कंपनियां तैनात की गई हैं। इसके अलावा कई और इलाकों में भी गश्त बढ़ाई गई है। पहले सेना की कुल तीस कंपनियां सुरक्षा में जुटी थी अब इनकी संख्या बढ़ाकर पचास कर दी गई हैं। तो प्रशासन और सरकार भले ही दावा करे कि हिंसा काबू में हैं। लेकिन ये भी साफ है कि तनाव अब मुजफ्फर नगर के बाहर के जिलों को अपना निशाना बना रहा है।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि मुजफ्फरनगर पर नियंत्रण हो चुका है। लगातार सरकारी अधिकारी और फोर्स यही प्रयास कर रहे हैं कि किसी तरह की घटना ना घटे। सरकार की नींद अब खुली है। जाहिर है अब कोशिशों के अलावा इनके पास कोई चारा नहीं है। अब अफवाहों पर लगाम लगाना आसान नहीं है। हांलाकि प्रशासन ने अपनी तरफ से अखबारों, स्थानीय केबल के प्रसारण पर रोक लगा दी है।

हांलाकि स्थिति में सुधार को देखते हुए मुजफ्फरनगर में कर्फ्यू में डेढ़ घंटे की छूट दी गई। ताकि लोग अपनी बुनियादी जरुरतों का सामान खरीद सकें। इसके बावजूद ज्यादातर लोगों ने घरों में ही रहना ठीक समझा। लोग डरे हुए हैं। उनका डर खत्म होने में अभी वक्त लगेगा।