FARRUKHABAD : नागरिकों की सुरक्षा व उनके यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए जनपद में तैनात किये गये ट्रैफिक पुलिस का रोल हमेशा कुछ विचित्र ही नजर आता है। सक्षम को तो छोड़िये, अधिकतर दीवान जी ही सफेद वर्दी में अपने साथी के साथ खड़े होकर डग्गामार व बड़े वाहनों से वसूली करते नजर आते हैं और एक दिन उन्हीं वाहनों में से एक का ओवरलोडिंग के चक्कर में दुर्घटना हो जाती है और फिर दोष गाड़ी चालक का आता है। कहीं न कहीं क्या पूरी तरह से ऐसे मामलों में ट्रैफिक पुलिस जिम्मेदार है।
शहर में हजारों की संख्या में चल रहे वाहनों से एक मोटी रकम वसूल कर ड्यूटी का निर्वहन करते हैं। अधिकतर देखा गया है कि ट्रैफिक पुलिस के कांस्टेबल ही साहब के लिए पैसे वसूली करते नजर आते हैं। मुख्य रूप से मसेनी से नेकपुर पुल रोड पर दो जगह ट्रैफिक के सिपाहियों को वाहनों से वसूली करते अक्सर देखा जा सकता है। नेकपुर चौरासी के निकट इटावा बरेली हाइवे पर, सेन्ट्रल जेल चौराहे पर, रखा रोड पर, देवरामपुर क्रासिंग के निकट, बघार नाले के निकट वाहनों से वसूली का क्रम चलता है। हफ्ता बंदी व महीनाबंदी के अलावा सड़क पर निकलने वाले भारी वाहनों ट्रक इत्यादि को भी यह सिपाही निशाने पर रखते हैं और जमकर चलता है वसूली का खेल।
तभी डग्गामार वाहनों के चालक खाकी, सफेद बर्दी के सामने वाहनों पर ओवरलोडिंग कर निकलते हैं और मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी उस तरफ देखना तक पसंद नहीं करते, क्योंकि उन्हें पता है कि इससे तो ले ली।
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