प्राइवेट गाडियो पर नीली बत्ती लगाकर सफ़र करते है अफसरों के बीबी बच्चे और रिश्तेदार

Uncategorized

sudha tripathiफर्रुखाबाद: सुप्रीम कोर्ट के आदेशो का पालन जब कानून के रखवाले और पालनहार तक नहीं करते तो प्रशासनिक अफसरों की कौन कहे| रुतवा ग़ालिब करने का इससे बड़ा और आसान तरीका शायद नहीं| जिले के एक विधायक के घर पर एक अम्बेसडर कार लखनऊ के नंबर की लाल बत्ती लगाकर खड़ी रहती है| वैसे विधायक जी फर्रुखाबाद जिले में नहीं रहते और न ही उस गाड़ी का इस्तेमाल फर्रुखाबाद कन्नौज में करते है| अब ऐसे में अगर बरेली आर टी ओ की बीबी नीली बत्ती लगाकर स्कार्पिओ पर सफ़र कर रही थी तो क्या बुरा किया| वो तो एक उनकी गाड़ी से कुचल गया इसलिए हंगामा खड़ा हो गया| वर्ना नगर में अक्सर प्रशासनिक और न्यायिक अफसरों के बच्चो को स्कूल से लेने छोड़ने और बाजार करते प्रशासनिक और न्यायिक अफसरों और उनकी पत्नियो को सरकारी और प्राइवेट गाड़ी पर नीली बत्ती लगाये चलते देखा जा सकता है| जनता को यही अफसर देश का कानून पढ़ाते है|

उमा त्रिपाठी स्कार्पिओ पर नीली बत्ती लगाकर हरदोई जा रही थी| अमृतपुर क्षेत्र के इटावा बरेली मार्ग पर निबिया तिराहे पर एक बाइक सवार उनकी गाड़ी के आगे आ गया| एक्सीडेंट के बाद भी नीली बत्ती की गाड़ी नहीं रुकी और चार किलोमीटर तक घायल जो उन्ही गाड़ी में उलझ गया था तब तक घसीटा जब तक उसकी मौत नहीं हो गयी|
[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
कानून के जानकार कहते है की हालात के हिसाब से गाड़ी को तुरंत रुक जाना चाहिए था मगर नहीं रुकी| ऐसे में जानबूझकर कर हत्या करने का मुकदमा तो चलना ही चाहिए साथ ही में दृवार को न रोकने के कारण साथ चल रही खतराना निवासी आर टी ओ बरेली अनिल त्रिपाठी की पत्नी उमा त्रिपाठी और उनके साथ चल रहे चाह पर भी हत्या में सहयोग करने का धारा 120 का मुकदमा चलना चाहिए|