लखनऊ: प्रदेश के राज्यपाल बीएल जोशी ने मुजफ्फरनगर दंगे में बेकाबू हुए हालात को बेहद गंभीरता से लिया है। उन्होंने सूबे की बिगड़ी कानून-व्यवस्था की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी है। राज्यपाल ने माना है कि सूबे में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति के लिए प्रदेश सरकार का रवैया जिम्मेदार है और हालात उसके काबू के बाहर दिखाई दे रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 27 अगस्त को एक लड़की से छेड़छाड़ के मामले में मुजफ्फरनगर के कवाल में तीन लोगों की हत्या के करीब 10 दिन बाद से वहां हालात ऐसे बिगड़े कि हिंसा में 21 लोगों की मौत हो गई।
सूत्रों का कहना है कि राज्यपाल वहां के हालात पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। राजभवन के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि सरकार ने समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए। साथ ही प्रशासनिक कामकाज का रवैया भी ऐसा रहा जिससे हालात बिगड़े। मीडियाकर्मियों सहित 21 लोगों की हत्या इसका प्रमाण है।
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माना जा रहा है कि दंगा प्रभावित क्षेत्रों में सरकारी मशीनरी द्वारा स्थिति का ठीक से आंकलन न कर पाने और प्रशासन की नाकामी के बाद सेना की तैनाती ने राज्यपाल को केंद्र को रिपोर्ट भेजने की पृष्ठभूमि तैयार की।
मुजफ्फरनगर के बाद शामली में भी सेना तैनात की जा चुकी है। राज्यपाल नेमुजफ्फरनगर से लेकर शामली तक के पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए केंद्र को बताया है कि सूबे में सांप्रदायिक तनाव के जिस तरह के हालात हैं वह काबू से बाहर दिखाई दे रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि बसपा ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश करने की मांग की है। भाजपा और कांग्रेस सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी प्रदेश सरकार को विफल बताया है।