फर्रुखाबाद: जब नियम कानून और लोकतंत्र की जानकारी सतही हो तब ऐसा ही होता है| जब किसी संगठन में पदाधिकारी तजुर्बे और योग्यता की जगह चापलूसी और रिश्तेदारी की वजह से बनाये जाए तब भी ऐसा ही होता है| मामला नगर कांग्रेस कमेटी के जम्बो पदाधिकारियो की संख्या को लेकर हुआ है| निर्जीव पड़े कांग्रेस संगठन में सोर्स सिफारिस और पैरवी की बदोलत नगर अध्यक्ष पद पर काबिज हुए इकलाख खान के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ है| होने वाले समधी की मैडम से नजदीकियो की बदौलत शहर अध्यक्ष की कुर्सी तो मिल गयी मगर चमड़े का सिक्का नहीं चल सका| राहुल गाँधी की नयी तरीके से संगठन चलाने की रणनीति भारी पड़ गयी| शहर अध्यक्ष की बनायीं/भेजी गयी नगर कमेटी सूची में से दो दर्जन नाम पर लाल स्याही लगा दी गयी है| कई बड़े साहब अब बाबू बना दिए गए है|
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कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और जोन प्रभारी संजय कपूर के निर्देश पर शहर कांग्रेस कमेटी के 25 पदाधिकारियों की छुट्टी हो गयी है। यह पदाधिकारी एक सप्ताह भी जलबा कायम नहीं रख सके। राष्ट्रीय सचिव की आपत्ति के बाद अब शहर कांग्रेस में 60 के स्थान पर 35 पदाधिकारी ही बचे हैं। शहर कांग्रेस के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब शहर कांग्रेस कमेटी का अनुमोदन रुका और शहर कांग्रेस अध्यक्ष मोहम्मद इखलाक खां को 25 पदाधिकारी हटाने पड़े। दरअसल प्रदेश प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव श्री मिस्त्री के निर्देश पर शहर कांग्रेस की 35 सदस्यीय कमेटी बनाने के निर्देश जारी हुए थे। पर शहर अध्यक्ष ने 60 पदाधिकारी बना डाले। इस पर जोन प्रभारी और राष्ट्रीय सचिव संजय कपूर ने कमेटी की घोषणा पर रोक लगा दी थी। कमेटी का अनुमोदन पाने को अध्यक्ष को 25 पदाधिकारियों की एक सप्ताह में ही छुट्टी करनी पड़ी। अब उपाध्यक्षों की संख्या 16 से घटकर 7, महासचिवों की संख्या 23 से घटकर 15 और सचिवों की संख्या 17 से घटकर 10 रह गयी है। कई उपाध्यक्षों को सचिव बनाकर पदावनति दे दी गयी है। जो लोग हट गये हैं उनमें मुख्य नाम हैं- डा.पीएन सक्सेना, चन्द्र भूषण मिश्रा, विजय पुंडीर, मिर्जा ताहिर बेग, रोहित वर्मा आदि।