मुख्यमंत्री मुर्दाबाद के नारे लगाना साम्प्रदायिकता नहीं है- हिन्दू जागरण मंच

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फर्रुखाबाद: मुख्यमंत्री के पुतला फूकने के आरोप में हिन्दू जागरण कार्यकर्ताओ पर शांति भंग की कार्यवाही पर जागरण मंच ने कहा है कि मुख्यमंत्री और सरकार के खिलाफ नारे लगाना अगर साम्प्रदायिकता है तो उन्हें कबूल है| मंच के कार्यकर्ताओ ने एक बैठक कर सरकार के खिलाफ भड़ास निकलते हुए इसे पुलिस का एक हतासा भरा हुआ कदम बताया है|
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कार्यवाहक जिलाध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने गत दिनों मुस्लिम परस्त मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और नगर विकास मंत्री आजम खान के पुतले चौक में फूके थे| इस विरोध का मकसद था अयोध्या में ८४ कोसी यात्रा पर सरकार का रोक लगाने का विरोध करना| दो दिन बाद पुलिस शांति भंग की कार्यवाही अपना गुड वर्क या खुद को सरकार परस्त दिखने के लिए कर दी| कहा गया कि हिन्दू जागरण मंच ने साप्रदायिक नारे लगाये| राजेश ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री और उनके मंत्री के मुर्दाबाद के नारे लगाना साप्रदायिक है तो ये काम तो इस सरकार के लोगो ने भी मायावती की सरकार में खूब किया था| उन पर भी शांति भंग की कार्यवाही हुई होती| हिन्दू जागरण मंच ने कहा कि अगर सरकार के फैसलों के खिलाफ नारे लगाना साम्प्रदायिक है तो वे रोज ऐसे नारे लगायेंगे| और प्रशासन लोकतंत्र विरोधी हर रोज ऐसी कार्यवाही करे|
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मंच के नेताओ ने साफ़ कहा है कि २ लाख का मुचलका और जमानत नहीं करायी जाएगी| वन्दे मातरम के नारे अगर सम्प्रदायिक हो गए है तो अब ये रोज होगा तय समझो|